मशहूर वैज्ञानिक कस्तुरीरंगन बोले मैं ऑनलाइन क्लासेस के पक्ष में नहीं, बताई पीछे की वजह

मशहूर वैज्ञानिक कस्तुरीरंगन बोले मैं ऑनलाइन क्लासेस के पक्ष में नहीं, बताई पीछे की वजह
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रिपोर्ट्स के मुताबिक के. कस्तूरीरंगन साल 1994 से 2003 के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष भी रहे हैं।

देश में कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच स्कूलों के बंद होने की वजह से ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर एक बहस चल रही है। ऑनलाइन क्लासेस के पक्ष में मशहूर वैज्ञानिक के. कस्तुरीरंगन भी नहीं है। उनका कहना है कि प्रत्यक्ष शारीरिक उपस्थित और परस्पर मानसिक जुड़ाव महत्वपूर्ण होता है। इसी के साथ स्कूली बच्चों में चंचलता और रचनात्मकता आती है।

मिली जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष आमने-सामने के संपर्क, बातचीत और विचारों के आदान-प्रदान के पारंपरिक तरीकों पर जोर देते हैं। मशहूर वैज्ञानिक के. कस्तुरीरंगन ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि मूल रूप से बच्चों का शारीरिक और मानसिक संपर्क बेहद जरूरी है। ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों में चंचलता, रचनात्मकता और कई अन्य चीजें कभी नहीं आ सकती हैं।

के. कस्तुरीरंगन इसरों के अध्यक्ष भी रहे हैं

रिपोर्ट्स के मुताबिक के. कस्तूरीरंगन साल 1994 से 2003 के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष भी रहे हैं। के. कस्तूरीरंगन ने कहा कि मस्तिष्क का 86 फीसदी विकास आठ साल की उम्र तक हो जाता है। बच्चों के शुरुआती समय का मूल्यांकन बेहद सतर्कता से होना चाहिए। उनका कहना है कि यदि आपने बातचीत के माध्यम से लगातार मस्तिष्क को उभारने का कार्य नहीं किया तो प्रत्यक्ष रूप से आप अपने नौजवानों के सर्वश्रेष्ठ दिमागी शक्ति और प्रस्तुती से वंचित रहने जा रहे हैं।

मानवीय दखल महत्वपूर्ण

वहीं अन्य प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर सी एन आर राव ने भी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने पर असहमति जताई है। प्रोफेसर सी एन आर राव ने बच्चों के दिलो-दिमाग को प्रेरित करने में मानवीय दखल के माध्यम से अच्छी बातचीत को महत्वपूर्ण बताया है। बता दें कि प्रोफेसर को साल 2014 में 'भारत रत्न' से नवाजा गया था।

मैं ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उत्साहित नहीं

जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के मानद अध्यक्ष और लिनस पॉलिंग रिसर्च प्रोफेसर का कहना है कि केजी, कक्षा 1 और कक्षा 2 के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को खत्म करना चाहिए। मैं ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उत्साहित नहीं हूं। हम बच्चों के साथ अच्छे से संपर्क कर सकें, बातचीत कर सकें इसके लिए व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क की आवश्यकता है। इसी तरह से है बच्चों के मन को प्रेरित किया जा सकता है।

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