पंजाब और हरियाणा के किसान ट्रैक्टर रैली पर अड़े, दिल्ली पुलिस ने दिया ये ऑप्शन

पंजाब और हरियाणा के किसान ट्रैक्टर रैली पर अड़े, दिल्ली पुलिस ने दिया ये ऑप्शन
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26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े हुए हैं, तो वहीं अब दिल्ली पुलिस ने इन किसानों को एक नई जगह देने का ऑप्शन दिया है।

बीते 55 दिनों से दिल्ली के कई बॉर्डरों पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े हुए हैं तो वहीं अब दिल्ली पुलिस ने इन किसानों को एक नई जगह देने का ऑप्शन दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने की जगह पुलिस ने केएमपी एक्सप्रेस-वे का ऑप्शन दिया है। रैली निकालने को लेकर किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच बैठक हुई है। बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया था और कहा था कि ये फैसला दिल्ली पुलिस का है क्योंकि उसे ही कानून व्यवस्था बनानी है।

किसान यूनियनों की दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें केंद्र की ओर से डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों पर रोक लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। किसानों की मांग है कि इन कानूनों को रोक दिया जाए। बैठक के एक दिन बाद केंद्र ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा और गतिरोध को समाप्त करने के लिए अधिनियमों पर चर्चा। जिसके बाद किसान 22 जनवरी को होने वाली बैठक में अपना जवाब देंगे।

वहीं पंजाब में 4 किसानों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये दिए गए, जो विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए। लुधियाना के चार किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है। इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आदेश पर लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने कहा कि किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है, जो दुर्भाग्य से अपनी जान गंवा चुके हैं।

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