Farmers Protest Live Updates: किसानों और सरकार के बीच 5 घंटे से जारी बैठक खत्म, नहीं रद्द होंगे तीनों कृषि कानून

Farmers Protest: किसान आंदोलन को आज 35वां दिन हैं। केंद्र सरकार और किसानों के बीच बैठक खत्म हो चुकी है। किसान कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच केंद्र और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्रियों नरेन्द्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने वरिष्ठ भाजपा नेता एवं गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने इस बैठक में इस बारे में चर्चा की कि बुधवार को किसानों के साथ होने वाली वार्ता में सरकार का क्या रुख रहेगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों और सरकार के बीच 7वें दौर की बैठक खत्म हो चुकी है। ये बैठक भी बेनतीजा रही है। केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं करेगी। साथ ही बिजली बिल का मसौदा वापस लेने के लिए तैयार, सरकार ने समिति बनाने की बात भी स्वीकार कर ली है।
किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल सिंघु बॉर्डर से रवाना
तीन कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने के लिए किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सिंघु बॉर्डर से रवाना हुआ। केंद्र सरकार आज प्रदर्शनकारी किसानों के साथ छठे दौर की वार्ता करेगी। आज दो बजे बैठक होगी। बुराड़ी बॉर्डर से फरीदकोट (पंजाब)के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने कहा कि इस बैठक से हमें तो ज़्यादा उम्मीद नहीं है लेकिन इस साल इस कानून पर फैसला हो जाए तो ये हमारे और सरकार के लिए अच्छा होगा। जब कानून रद्द होगा हम तभी यहां से जाएंगे वरना नए साल पर भी यही रहेंगे। वहीं भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने बताया कि आज सरकार के साथ किसान वार्ता पर बैठने वाले हैं। पूरी उम्मीद है कि आज कोई न कोई हल निकलेगा क्योंकि सरकार किसानों के लिए अपने दिल में बहुत बड़ी जगह रखती है।
कृषि मंत्री तोमर, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसानों के साथ वार्ता में केंद्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। तोमर ने सोमवार को कहा था कि उन्हें गतिरोध के जल्द दूर होने की उम्मीद है। केंद्र ने सोमवार को आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों को सभी प्रासंगिक मुद्दों का "तार्किक हल'' खोजने के लिए 30 दिसंबर को अगले दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया। लेकिन किसान यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को केंद्र को लिखे पत्र में कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीकों एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने का मुद्दा वार्ता के एजेंडे का हिस्सा होना ही चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ बातचीत से पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने चिट्टी लिखकर अपनी मांग सरकार के सामने रखी है। पहली मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। दूसरा है कि एमएसपी पर कानून बने। तीसरा है कि अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर किया जाए। अंतिम है कि विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को वापस लिया जाए। जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र ने बुधवार को 30 दिसंबर को दिल्ली में किसानों की बैठक बुलाकर विरोध जताया। केंद्र सरकार के द्वारा सितंबर में संसद बुलाने के साथ तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग की जा रही है। किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। पिछले सप्ताह शनिवार को किसान संगठनों के द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्रालय को पत्र लिखा था और वार्ता का प्रस्ताव भेजा था।
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