पंजाब में प्रदर्शन कर रहे किसानों की आज मंत्री रंधावा से होगी बातचीत, मुलाकात से पहले दे डाली यह चेतावनी

पंजाब में प्रदर्शन कर रहे किसानों की आज मंत्री रंधावा से होगी बातचीत, मुलाकात से पहले दे डाली यह चेतावनी
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पंजाब में गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और बकाया राशि का भुगतान करने की मांग को लेकर किसान शनिवार से रेलवे ट्रैक और राजमार्गों पर डटे हैं। अगर आज होने वाली बैठक में सहमति नहीं बनी तो आम लोगों के लिए परेशानी और बढ़ने वाली है।

पंजाब में गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और बकाया राशि का जल्द भुगतान करने की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक और राजमार्गों पर बैठे किसानों की आज चंडीगढ़ में सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से कुछ ही वक्त के बाद मुलाकात होगी। खास बात है कि मंत्री रंधावा से मिलने से पहले ही किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो मंगलवार से पंजाब बंद किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाकियू दोआबा के एमएस राय ने कहा है कि किसान लंबे समय से अपनी मांग उठा रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। मजबूर होकर उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर्व के चलते हमने पंजाब बंद का फैसला टाला, लेकिन मांग पूरी न हुई तो मंगलवार से बंद का आह्वान किया जाएगा। इस संबंध में जालंधर के डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी का कहना है कि किसानों की समस्याएं हल करने के लिए चंडीगढ़ में रविवार दोपहर 12 बजे बैठक रखी गई है। किसानों ने बैठक में हिस्सा लेने की सहमति जताई है। किसानों की जो भी समस्याएं होंगी, उनका निदान सुनिश्चित होना तय है।

बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर गन्ना किसानों ने जालंधर में राजमार्ग और रेलवे ट्रैक पर शनिवार को ही जाम लगा दिया था। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब जाने और वहां से आने वाली 19 ट्रेनों को रद कर दिया गया है। रक्षाबंधन से एक दिन पहले इस विरोध प्रदर्शन के चलते हजारों यात्री परेशान हुए। पूरी रात किसानों का धरना प्रदर्शन चलता रहा। सोशल मीडिया पर लोग अपनी परेशानियों को साझा कर रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा,'जालंधर बना पंजाब का सिंघू बार्डर, रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान, अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे ब्लाक, हाईवे पर किसानों के धरने के चलते लगे जाम की स्थिति ऐसी थी कि जालंधर से लुधियाना का 1 घंटे का सफर 5 घंटे में पूरा हो रहा था। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि त्योहार से ठीक पहले ही ऐसे प्रदर्शन क्यों होते हैं?


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