Farmers Protest Live Updates: प्रियंका गांधी समेत हिरासत से सभी नेता रिहा, राहुल ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

नये कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं इस आंदोलन को कई राजनीतिक पार्टियों का साथ मिल रहा है। इसी बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन नेताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। पुलिस द्वारा कांग्रेस के मार्च को निकालने की इजाजत नहीं दी गई, जिसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि, थोड़ी देर बाद प्रियंका गांधी और पार्टी नेताओं को हिरासत से रिहा कर दिया गया है।
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राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकत के बाद कहा कि राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये जो कानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी हैं और इनसे किसानों,मज़दूरों का नुकसान होने वाला है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मज़दूर घर चले जाएंगे। मैं एडवांस में चीज बोल देता हूं, मैंने कोरोना के बारे में बोला था कि नुकसान होने जा रहा है। उस समय किसी ने बात नहीं सुनी।
आज मैं फिर से बोल रहा हूं किसान, मज़दूर के सामने कोई भी शक्ति खड़ी नहीं हो सकती। चीन ने भारत की हज़ारों किलोमीटर जमीन छीन ली है, PM उनके बारे में क्यों नहीं कहते? एक तरफ आप सिस्टम को तोड़ रहे हो, किसान,मज़दूर को मार रहे हो और बाहर से ताकतें देख रही हैं, कह रही हैं कि नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान को कमजोर कर रहा है, हमारे लिए अच्छे अवसर बनने जा रहे हैं।
किसान नेता दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे
इससे पहले, कांग्रेस पार्टी को मार्च निकालने की परमिशन नहीं मिली है। हालांकि, राहुल गांधी समेत तीन नेता राष्ट्रपति भवन गये है। साथ ही नई दिल्ली इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और राष्ट्रपति भवन के पास दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा को बढ़ाया दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सरकार को घेरा है। राहुल ने लिखा कि भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं, इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा। किसानों के द्वारा आज एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। किसान नेता दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें आंदोलन का कारण बताएंगे। किसान मोर्चा की ओर से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अगर लोगों के कुछ सवाल हो तो वो जवाब दे सकें।
उधर, नये कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के खिलाफ किसानों का आक्रोश जारी है। दिल्ली की कड़ाकी की सर्दी में 29 दिनों से बॉर्डरों पर किसान जमे हुये है। वहीं किसान ने केंद्र की छठे दौर की बातचीत के न्योता को भी ठुकरा दिया है। ऐसे में दिल्ली की सीमा पर किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। साथ किसान संगठन और केंद्र के बीच लंबा संघर्ष भी देखने को मिल सकता है। लेकिन इन सबके बीच किसान आंदोलन से बॉर्डर के आस-पास रहने वाले लोगों को व्यापार करने में दिक्कतें आ रही है।
लेकिन बुराड़ी ग्राउंड से भारतीय किसान यूनियन बिंदर सिंह गोलेवाला ने कहा कि जब तक काले कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हमारे हौंसले बुलंद हैं। सरकार जितनी जल्दी हो सके ये कानून रद्द कर दे नहीं तो संघर्ष और बढ़ा होगा। हमें दुनिया का सहयोग मिल रहा है। गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक हम हटेंगे नहीं चाहे 10 साल लग जाएं। 6 बार की बातचीत हो चुकी है। सरकार चाहती तो हल निकाल सकती थी।
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