Taliban Government: फारुख अब्दुल्ला ने तालिबान सरकार का किया समर्थन, बोले- 'उनसे दोस्ती रखने में मुश्किल क्या है'

अफगानिस्तान में तालिबानी (Taliban Government) हुकुमत कायम हो चुकी है। इस बीच, भारत में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने तालिबान का समर्थन किया है। इनमें से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला (National Conference chief Farooq Abdullah) ने शनिवार को तालिबान का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार को सलाह दी है। कि अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार से चर्चा की जाए। अफगानिस्तान में भारत (Indian Government) के भारी निवेश का हवाला देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि तालिबान अब वहां सत्ता में है तो उनसे बात करनी चाहिए।
उन्होंने यह भी पूछा कि तालिबान से रिश्ता रखने में नुकसान ही क्या है? फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि तालिबान अब अफगानिस्तान की सत्ता में है। अफगानिस्तान में पुरानी सत्ता के दौरान भारत ने अलग-अलग परियोजनाओं में अरबों खर्च किए। हमें अफगानिस्तान की मौजूदा सत्ता से बात करनी चाहिए। जब हमने इस देश में इतना निवेश किया है तो उनसे रिश्ता रखने में क्या नुकसान है?
अफ़ग़ानिस्तान में अब तालिबान है। अफ़ग़ानिस्तान की स्थितियों को बेहतर बनाने में भारत ने 3 बिलियन डॉलर खर्चे हैं। हमें अफ़ग़ानिस्तान की हुकूमत से बातचीत करनी चाहिए। जब हमने पहले ही इतना पैसा खर्च किया है, तो दोस्ती रखने में मुश्किल क्या है?: फ़ारुख़ अब्दुल्ला, नेशनल कांफ्रेंस pic.twitter.com/LppwRLSdoJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 25, 2021
आपको बता दें कि पिछले महीने अफगानिस्तान के काबुल पर कब्जे के साथ ही तालिबान ने अपनी सरकार वहां बना ली है और वहां के कैबिनेट में बड़े आतंकियों को जगह दी गई है। इन सबको देखते हुए भारत ने अभी तालिबान सरकार पर कोई भी कदम न उठाते हुए उनसे दूरी बना रखी है। क्योंकि तालिबान के इतिहास को देखते हुए भारत सरकार बेहद सोच विचार करके ही आगे बढ़ेगी। इसलिए फिलहाल वह उनकी नीतियों को देख रही है।
तालिबान ने इमरान को बताया कठपुतली
तालिबान के निजाम ने आज पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को कठपुतली बताया है। तालिबान नेता जनरल मुबीन ने कहा है कि इमरान खान को पाकिस्तान के लोगों ने नहीं चुना है। पाकिस्तान में इमरान खान को लोग कठपुतली कहते हैं। उन्होंने पाकिस्तान को धमकी देते हुए कहा है कि हम ये हक किसी को नहीं देते कि कोई हमारे शासन में हस्तक्षेप करे और अगर कोई ऐसा करता है तो हम भी हस्तक्षेप का हक रखते हैं। मुबीन ने इमरान खान को अफगानिस्तान के मामलों से दूर रहने की सलाह दी है।
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