Fathima Beevi Passes Away: सप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज का निधन, 96 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Fathima Beevi Passes Away: सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज नियुक्त हुईं जस्टिस एम फातिमा बीवी ने गुरुवार को 96 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में उच्च पद पर पहुंचने वाली पहली मुस्लिम महिला होने का गौरव भी हासिल किया। फातिमा बीवी 29 अप्रैल, 1992 को अपनी रिटायरमेंट तक सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश थीं। सुप्रीम कोर्ट की जज के कार्यकाल के बाद, फातिमा बीवी ने तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होकर राजनीतिक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई।
फातिमा बीवी का करियर
30 अप्रैल, 1927 को केरल के पथानामथिट्टा में जन्मी फातिमा बीवी ने अपनी स्कूली शिक्षा वहीं के कैथोलिक हाई स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने तिरुवनंतपुरम यूनिवर्सिटी कॉलेज से विज्ञान स्नातक की डिग्री पूरी की। उन्होंने तिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 14 नवंबर 1950 को एक वकील के रूप में नामांकित फातिमा बीवी ने केरल की निचली अदालतों में अपना कानूनी करियर शुरू किया और न्यायपालिका में महत्वपूर्ण पदों पर रहीं।
मुंशी से शुरुआत करते हुए, उन्होंने प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला और सत्र न्यायाधीश, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्य और हाई कोर्ट के जज के रूप में कार्य किया। 1989 में केरल हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्हें 1989 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। इससे वह सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बन गईं। 1992 में उन्होंने इस काम से संन्यास ले लिया।
राज्यपाल के रूप में हुईं नियुक्त
अपने कार्यकाल के दौरान, फातिमा बीवी ने देश भर में महिलाओं के लिए एक आदर्श और आइकन के रूप में काम किया। सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, उन्होंने तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होकर राजनीतिक क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने 1997 से 2001 तक तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।
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