ग्राम पंचायतों में महिलाओं को मिलेगा 50 फीसदी आरक्षण!

देश में आने वाले वक्त में महिलाओं को ग्राम पंचायतों में 50 फीसदी आरक्षण मिलने की राह आसान हो सकती है। क्योंकि इसे लेकर राज्यों के अलावा केंद्र सरकार भी अपने स्तर पर चर्चा कर रही है। लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल में पंचायती राज मंत्रालय से जुड़े सांसदों के प्रश्नों के जवाब में विभागीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी।
इस विषय पर मुख्य रूप से बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने मंत्री से प्रश्न पूछा था। जिसमें उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 243 (डी) का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं को आरक्षण देने का अधिकार संसद के पास मौजूद है। अगर ऐसा हुआ तो सदन में महिलाओं की संख्या 78 से बढ़कर करीब 250 तक पहुंच जाएगी। उनके प्रश्न के समर्थन में सदन में बैठी कुछ महिला सांसदों ने मेजें थपथपाकर स्वागत भी किया।
गौरतलब है कि महिला आरक्षण के मुद्दे को लेकर बीजद संसद में लगातार सक्रिय बना हुआ है। बीती 16वीं लोकसभा के दौरान भी दल की ओर से इस पर केंद्र सरकार से चर्चा और पत्राचार करने की कवायद पर जोर दिया जा रहा था।
पहले से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में व्यवस्था
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में देश में 20 राज्य ऐसे हैं जहां महिलाओं को पंचायतों में 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। इसमें छत्तीसगढ़, मध्य-प्रदेश, पंजाब, हिमाचल-प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, गुजरात, ओड़िशा, उत्तराखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान, पश्चिम-बंगाल, आंध्र-प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं। केंद्र सरकार के स्तर पर भी इस विषय को लेकर विमर्श जारी है।
14 लाख से ज्यादा महिला सरपंच
महिला सरपंचों का मौजूदा आंकड़ा बताते हुए उन्होंने कहा कि 2 लाख 53 हजार 380 ग्राम पंचायतों में जन-प्रतिनिधियों की संख्या 31 लाख है। इसमें से 14.39 लाख यानि 46 फीसदी महिलाएं हैं। यह सभी अपने-अपने क्षेत्रों में बहुत अच्छा काम कर रही हैं। खासतौर पर ग्राम पंचायतों की अधोसंरचना से हटकर सामाजिक क्षेत्र के समावेशन कार्यक्रमों में महिला सरपंचों का योगदान बेहद सराहनीय है।
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