Atma Nirbhar Bharat : वित्त मंत्री ने कहा - 45 लाख रुपये का एमएसएमई को फायदा होगा, यहां पढ़ें किसको मिला क्या

Nirmala Sitharaman Press Conference Live: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम 4 बजे नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान कहा कि समाज के कई वर्गों से बातचीत करने के बाद इस 45 लाख रुपये का एमएसएमई को फायदा होगा तैयार किया गया है। पैकेज का माध्यम ग्रोथ को बढ़ाना है। भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जा रहा है। मूल रूप से विकास को गति प्रदान करना और एक बहुत ही आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। इसीलिए इस संपूर्ण पहल को आत्मानिर्भर भारत अभियान कहा जाता है। आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभ-अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढाँचा, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड हैं। आत्मानिर्भर भारत का अर्थ यह नहीं है कि भारत एक अलगाववादी देश है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि लॉकडाउन के बाद गरीब कल्याण योजना की घोषणा की गई थी। लॉकडाउन में राशन और अनाज का वितरण किया गया है। जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं उनको भी राशन मिला है। लोगों के एकाउंट में पैसे भी पहुंचाए गए हैं। आने वाले दिनों में मैं मेरी टीम के साथ आपके (मीडिया) सामने आऊंगी। आने वाले दिनों में इस पैकेज की हर रोज अलग-अलग विस्तृत जानकारी दी जाएगी। हमारे पास जो गरीबों, जरूरतमंदों, प्रवासियों, दिव्यांगों और देश के वृद्धों के प्रति जो जिम्मेदारी है उसे हम नहीं भूलेंगे।
#WATCH Live from Delhi: FM Nirmala Sitharaman briefs the media #Economicpackage https://t.co/qsYh6pCIYW
— ANI (@ANI) May 13, 2020
41 करोड़ जनधन खाते होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया
केंद्र सरकार के पिछले कार्यकाल में कई योजनाएं आर्थिक सुधार से जुड़ी हुई थीं, पीएम फसल बीमा योजना, फिशरी डिपार्टमेंट बनाना, पीएम किसान योजना जैसे सुधार कृषि क्षेत्रों के लिए किए गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों से जुड़े सुधार, बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन जैसे काम किए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि 41 करोड़ जनधन खाते होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया।
45 लाख रुपये का एमएसएमई को फायदा होगा
उन्होंने बताया कि कुटीर लघु उद्योग के लिए ऐसे छह कदम उठाएंगे। दो ईपीफ के लिए, एनबीएफसी से जुड़े दो फैसले और एक एमएफआई से जुड़े हैं। एमएसएमई को तीन लाख करोड़ का बिना गांरटी का लोन दिया जाएगा। इससे कम से कम 45 लाख रुपये का एमएसएमई को फायदा होगा। एमएसएमई को एक साल तक ईएमआई से राहत 2500 करोड़ तक वाले एमएसएमई को फायदा होगा। संकट में फंसे दो लाख एमएसएमई को कर्ज के लिए 20 हजार करोड़ रुपये।
200 करोड़ तक के सरकारी कामों के लिए ग्लोबर टेंडर नहीं होंगे
वहीं फंड ऑफ फंड्स के जरिए 50 हजार करोड़ का इक्विटी इंफ्यूजन किया जाएगा। एमएसएमई की परिभाषा में संशोधित किया गया है, निवेश सीमा को संशोधित किया जाएगा, टर्नओवर के अतिरिक्त मापदंड भी पेश किए जा रहे हैं। 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ के टर्नओवर वाले इंटरप्राइज को स्मॉल यूनिट माना जाएगा। 30 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ के टर्नओवर वालों को मीडियम इंटरप्राइज माना जाएगा। अब 200 करोड़ तक के सरकारी कामों के लिए ग्लोबर टेंडर नहीं होंगे। एमएसएमई के लिए ई-मार्केट लिंकेज पर अधिक जोर दिया जाएगा। केंद्र सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट डेढ़ महीने यानी 45 दिनों के भीतर करेगी।
3 लाख करोड़ रुपए का कोलेट्रल फ्री ऑटोमैटिक लोन दिया जाएगा
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मध्यम, सूक्ष्म, लघु उद्योग, कुटीर उद्योग और घरेलू उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इन MSME's को 3 लाख करोड़ रुपए का कोलेट्रल फ्री ऑटोमैटिक लोन दिया जाएगा। इसमें आपको किसी भी तरह की गारंटी और कोई कोलेट्रल देने की जरूरत नहीं है। इसकी समय सीमा 4 वर्ष होगी और पहले 1 साल मूलधन नहीं चुकाना होगा।
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि आकार और क्षमता को बढ़ाने की सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं तो उसके लिए फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है। इसके माध्यम से 50,000 करोड़ रुपए का इक्विटी इन्फ्यूज़न होगा।
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