महाराष्ट्र में जीका वायरस का पहला केस सामने आया, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से कि ये अपील

महाराष्ट्र में जीका वायरस का पहला केस सामने आया, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से कि ये अपील
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महिला के परिवार के सदस्यों में वायरस का कोई लक्षण नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, केरल राज्य में भी जीका वायरस के दो नए संक्रमित मरीज मिले हैं। इसी के साथ केरल में जीका वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 63 हो गई है।

भारत इस समय कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है। देश के महाराष्ट्र राज्य में कोविड-19 का सबसे असर दिखाई दिया है। कोविड-19 के मामलों में देश में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र से एक और चिंताजनक खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में पुणे जिले के पुरंदर इलाके की 50 वर्षीय महिला में जीका वायरस की पुष्टि हुई है।

महिला का चिकनगुनिया टेस्ट भी पॉजिटिव आया है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 50 वर्षीय महिला अब ठीक हो चुकी है। महिला के परिवार के सदस्यों में वायरस का कोई लक्षण नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, केरल राज्य में भी जीका वायरस के दो नए संक्रमित मरीज मिले हैं। इसी के साथ केरल में जीका वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 63 हो गई है।

महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि पुणे जिले में पुरंदर तहसील के बेलसर गांव से जुलाई महीने की शुरुआत से ही बुखार के कई मामले सामने आए। जिसके बाद 5 नमूनों को टेस्ट के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया था। इन नमूनों में से 3 की चिकनगुनिया टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

बताया गया कि इसके बाद एक एनआईवी टीम ने 27 जुलाई से 29 जुलाई के बीच बेलसर और परिन्चे गांवों का दौरा किया था। इस दौरान 41 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए। इन 41 में से 25 चिकनगुनिया, 3 डेंगू, और 1 जीका वायरस का मामला सामने आया।स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में घर-घर जाकर सर्वे भी करेगी। वहीं पुणे जिला प्रशासन ने लोगों से न घबराने की अपील की है। प्रशासन की ओर से लोगों को विश्वास दिलाया गया कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं और कड़ी मेहनत की जा रही है।

जीका वायरस के लक्षण

जीका वायरस के संक्रमण के कुछ सामान्य लक्षण बुखार, शरीर में दर्द, दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द हैं। लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। जबकि ज्यादातर संक्रमित लोगों में लक्षण विकसित नहीं होते हैं।

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