Five Famous Budget Of India : भारत के 5 चर्चित बजट, भुलाए नहीं भूलता 1971 का काला बजट

Five Famous Budget Of India : भारत के 5 चर्चित बजट, भुलाए नहीं भूलता 1971 का काला बजट
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देश में बजट हर साल पेश होते हैं। पर कुछ ऐसे होते हैं जो याद नजीर बन जाते हैं और अपनी अच्छाईयों और बुराईयों के लिए अर्थशास्त्रियों के बीच चर्चा में रहते हैं। देश में अबतक पांच बजट ऐसे रहे हैं जो हर बजट के पहले याद आ जाते हैं।

5 जुलाई 2019 को दोबारा सत्ता में वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी अपना पहला पूर्ण बजट (General Budget) पेश करेगी। इस बजट (Aam Budget) से देश के हर वर्ग को बड़ी उम्मीदें हैं। देश में बजट हर साल पेश होते हैं। पर कुछ ऐसे होते हैं जो याद नजीर बन जाते हैं और अपनी अच्छाईयों और बुराईयों के लिए अर्थशास्त्रियों के बीच चर्चा में रहते हैं। देश में अबतक पांच बजट ऐसे रहे हैं जो हर बजट के पहले याद आ जाते हैं।

1- 1973 में देश में कांग्रेस की सरकार थी उस समय के वित्तमंत्री यशवंतराव चव्हाण (Yashwantrao Chavan) ने संसद में बजट पेश किया। इस बजट को काला बजट कहा गया। क्योंकि उस वक्त 550 करोड़ रुपए से ज्यादा का घाटा हुआ था। इस बजट में वित्त मंत्री यशवंतराव ने 56 करोड़ रुपए में कोयला खदानों, इंडियन कॉपर कॉरपोरेशन और बीमा कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण किया था।


2- काला बजट के बाद 1991 का बजट सभी को आज भी याद है। तत्कालीन वित्तमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने उस समय बजट पेश किया था। वित्तमंत्री ने उसी साल से उदारीकरण (Liberalization) के दौर की शुरुआत की। विदेशी कंपनियों को भारत में व्यापार करने की खुली छूट दे दी गई। इसके साथ ही भारतीय कंपनियों को भी बाहर व्यापार करने में आसानी हुई। कस्टम ड्यूटी (custom duty) को 220 फीसदी से घटाकर 150 फीसदी पर लाया गया।

3- 1997 में कांग्रेस की सरकार थी उस वक्त के वित्तमंत्री पी. चिदंबरम (P Chidambaram) ने संसद में जो बजट पेश किया था उसे सपनों का बजट कहा गया। पी. चिदंबरम ने कंपनी कर और आयकर में कटौती करने की घोषणा की थी। सरचार्ज को खत्म कर दिया गया। साथ ही आयकर दरों को 40 फीसदी से 30 फीसदी पर ला दिया गया।



4- 1999 में सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा सरकार में आई। सन् 2000 में वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के द्वारा पेश किए गए बजट को मिलेनियम बजट (Millennium budget) कहा गया। इस बजट में कंप्यूटर, सीडी रोम जैसी 21 वस्तुतों पर कस्टम ड्यूटी कम कर दी गई। देश की आईटी कंपनियों को रियायत देने की घोषणा की गई।

5- मिलिनियम बजट पेश करने के बाद यशवंत सिन्हा द्वारा सन् 2002 में पेश किए गए बजट को काफी विरोध झेलना पड़ा इसलिए उस बजट को रोलबैक बजट (Rollback Budget) कहा गया। इस बजट में सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए, साथ ही सर्विस टैक्स में भी इजाफा कर दिया गया। जनता ने सड़क पर उतरकर इसका विरोध किया जिसके बाद सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा।

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