Telangana Election Result: तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के पांच कारण, कैसे लगाई BRS की 'कार' पर Congress ने ब्रेक

Telangana Election Result: तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के पांच कारण, कैसे लगाई BRS की कार पर Congress ने ब्रेक
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Telangana Election Result: तेलंगाना में कांग्रेस भारत राष्ट्र समिति (BRS) को पछाड़कर सत्ता में आने के लिए तैयार है। यहां पढ़िए तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के पांच कारण...

Telangana Election Result: तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) को पछाड़कर सत्ता में आने के लिए तैयार है। तेलंगाना के अलग होने के बाद ऐसा पहली बार होगा कि कांग्रेस पार्टी राज्य में सत्ता पर कब्जा करने में सफल होती दिखाई दे रही है। आज रविवार को विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ रहे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य के लगभग 40 प्रतिशत वोट की गिनती हो गई है। तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी 63 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, 10 साल से सत्ता पर काबिज भारत राष्ट्र समिति एक सीट जीत चुकी है और 40 पर आगे चल रही है। यह आंकड़ा चुनाव आयोग के अनुसार दोपहर 2 बजे तक का है।

ऐसे में तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के पीछे कई अहम कारणों को माना जा रहा है। इसमें केसीआर के खिलाफ जनता की नकारात्मकता और कांग्रेस की चुनाव से पहले जनता को दी गई गारंटी को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। चलिए आपको बताते है तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के पीछे कौन से पांच कारण हैं और कैसे कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति की 'कार' को अपने 'हाथ' से रोक दिया।

कांग्रेस की गारंटी

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले तेलंगाना की जनता से कई कल्याणकारी वादे किए थे, जिसमें एक महिला-केंद्रित कल्याण कार्यक्रम (महालक्ष्मी), किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए (रयथु भरोसा), गरीब लोगों के लिए सस्ते आवास (गृहज्योति), बिजली बिल सब्सिडी, युवा विकासम आर्थिक रूप से पिछड़े घरों के बच्चों को उनकी शिक्षा और चेयुथा, एक स्वास्थ्य बीमा और पेंशन कार्यक्रम में मदद करेगा। कांग्रेस के यह वादे ही दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों के दिल में घर कर गए।

केसीआर के खिलाफ नकारात्मक वोट

कांग्रेस ने के.चंद्रशेखर राव और उनकी सरकार के आसपास सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाया। वहीं, ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बीआरएस के पारंपरिक गढ़ से भारी मात्रा में वोट हासिल किए हैं।

बीजेपी का कमजोर नेतृत्व

भारतीय जनता पार्टी ने जुलाई में अपने प्रदेश प्रमुख बंदी संजय को हटाकर जी किशन रेड्डी को नियुक्त कर अपनी राज्य इकाई को कमजोर कर दिया। ऐसा माना जा रहा है कि इसने पार्टी को अस्थिर कर दिया है और इसे बहुत कमजोर स्थिति में छोड़ दिया है, जिससे कांग्रेस को राज्य में मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति साफ करने का मौका मिला है।

भ्रष्टाचार के आरोप

कांग्रेस पार्टी ने जुलाई के बाद से ही राज्य के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव पर भ्रष्टाचार के आरोपों की झड़ी लगाना शुरू कर दिया था। जिससे राज्य में वोट हासिल करने में कांग्रेस को मदद मिली और बीआरएस को मात देने में सफल होती दिखाई दे रही है।

सोशल मीडिया पर जोरदार अभियान

कांग्रेस पार्टी ने ऑफलाइन के साथ-साथ अपनी ऑनलाइन लड़ाई भी तेज कर दी थी। सत्ता-विरोधी कारक का लाभ उठाने का कांग्रेस का खाका काम कर गया। कांग्रेस ने वीडियो, मीम्स, जीआईएफ और पोस्टर के माध्यम जमकर वार किए।

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