Fodder scam: डोरंडा मामले में लालू यादव को 5 साल की सजा, 60 लाख रुपये का जुर्माना, पढ़ें इस केस की कहानी

बिहार के पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) समेत 38 दोषियों की सजा का ऐलान हो गया है। लालू यादव को कोर्ट ने इस मामले में 5 साल की सजा दी है और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पिछले सोमवार को कोर्ट ने झारखंड में डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रूपये की अवैध निकासी से संबंधित पांचवें चारा मामले में सीबीआी कोर्ट ने लालू समेत अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया था।
होटवार जेल से रांची रिम्स में ट्रांसफर किए गए 73 साल के लालू यादव को इससे पहले दुमका से जुड़े चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। झारखंड में देवघर और चाईबासा कोषागार में भी लालू आरोपी है। इससे पहले बीती 15 फरवरी को लालू को रांची की सीबीआई कोर्ट के द्वारा दोषी करार दिया गया था।
इस मामले के 99 आरोपियों में से 24 को बरी कर दिया गया है। जबकि 46 आरोपियों को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। लालू यादव को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 120B, 420, 409, 467, 468, 471, 477A और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1), 13(2)सी के तहत दोषी पाया और ऐसे में किसी भी आरोपी पर इतनी धाराएं लगती हैं तो उसे कम से कम एक साल और ज्यादा से ज्यादा सात साल की सजा होती है।
1990 में सामना आया था चारा घोटाला
जानकारी के लिए बता दें कि 1990 के दशक के दौरान बिहार में हुए चारा घोटाले से पूरा देश हिल गया था। जिसमें रांची के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी शामिल थी। फरवरी 2002 में चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनवाई शुरू की थी। इसके बाद 2013 में 37.70 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में लालू को दोषी पाया गया। उसी साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।
सजा भी मिली और जमानत भी
इसके बाद दिसंबर 2017 में लालू को सीबीआई कोर्ट ने देवघर कोषागार से 89.27 लाख रुपये की धोखाधड़ी मामले में दोषी पाया। इस मामले में 3.5 साल जेल की सजा हुई। इसी मामले में उन्हें इस मामले में भी जमानत दे दी गई थी। फिर जनवरी 2018 के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री को 33.13 करोड़ रुपये की चाईबासा कोषागार मामले में तीसरी सजा हुई। इसमें 5 साल की सजा हूई है। 2018 में लालू को दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये निकालने के मामले में दोषी पाया और कुल मिलाकर लालू को 14 साल की सजा मिली है। अप्रैल 2021 में झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दी।
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