चीन दौरे पर विदेश मंत्री जयशंकर, द्विपक्षीय बैठक में बोले- हमारे बीच मतभेद हो लेकिन विवाद न हो

चीन दौरे पर विदेश मंत्री जयशंकर, द्विपक्षीय बैठक में बोले- हमारे बीच मतभेद हो लेकिन विवाद न हो
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भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर चीन के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर चीन के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा की। साथ आगामी उच्च स्तरीय आदान-प्रदान (Exchanges) की तैयारियों पर भी चर्चा की।


इससे पहले उन्होंने झोंगनान्हाई में चीन के उपराष्ट्रपति वांग किशान के साथ भी मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने झोंगनान्हाई में चीन के उपराष्ट्रपति वांग किशान के साथ भी मुलाकात की। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंधों को उस समय स्थिरता का सूचक होना चाहिए जब दुनिया अनिश्चित स्थिति का सामना कर रही हो।


बैठक के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंध का वैश्विक राजनीति में एक विशिष्ट स्थान है। 2 साल पहले हमारे नेताओं ने उस वास्तविकता को पहचान लिया और अस्ताना में एक आम सहमति पर पहुंच गए कि वैश्विक अनिश्चितता के समय भारत-चीन संबंध स्थिरता का कारक होना चाहिए। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह महत्वपूर्ण था कि हमारे बीच मतभेद (यदि कोई हो) हो, लेकिन विवाद नहीं होने चाहिए।



वांग यी से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के विस्तार के लिए चीन की ओर से आज कुछ सुझाव दिए गए थे, हम उन पहलों की गहराई से सराहना करते हैं।



बैठक के बाद वांग यी ने कहा कि एस जयशंकर ने चीन-भारत संबंधों में सकारात्मक और सक्रिय योगदान देने के लिए कई वर्षों तक चीन में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया, यह विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद चीन की उनकी पहली यात्रा है, मैं उनका स्वागत करता हूं।



वांग यी ने कहा कि हमें अधिक रक्षा आदान-प्रदान सहित अपने सहयोग तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि हम अधिक व्यावहारिक परिणाम तैयार कर सकें। हमारा विचार है कि हमें अपने व्यावहारिक, आर्थिक और व्यापार सहयोग को और गहरा करने की आवश्यकता है।


वांग यी ने कहा कि चीन व्यापार असंतुलन पर भारत की चिंताओं की सराहना करता है और हम चीन को भारतीय निर्यात की सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयार हैं। साथ ही हमें निवेश, औद्योगिक उत्पादन, पर्यटन, सीमा व्यापार और अन्य क्षेत्रों में व्यापक रूप से सहयोग करने और विस्तार करने की आवश्यकता है।



विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि हम अपने लोगों से लोगों के संबंधों (People to People Relation) को और मजबूत करने के लिए 100 गतिविधियों को आयोजित करने पर भी सहमत हुए हैं। हम संयुक्त रूप से एक फिल्म सप्ताह का उद्घाटन करेंगे। इन गतिविधियों की शुरुआत को चिह्नित करेंगे। हमने अभी 4 समझौते किए हैं।



बता दें जम्मू-कश्मीर से हाल ही में अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए हैं। अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया जाता था। भारत के इस कदम से बौखलाए पाकिस्तान ने इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने की बात कही हैं।

भारत के इस कदम अमेरिका, रूस और चीन समेत कई ताकतवर देश समर्थन कर रहे हैं। इस कार्रवाई के तुरंत बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चीन का दौरा किया था। ऐसे में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का चीन दौरा भी अहम माना जा रहा है।

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