Rajya Sabha: रंजन गोगोई के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले जज लोकुर ने कसा तंज, जानें उनके ऐतिहासिक फैसले

Rajya Sabha: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के लिए मनोनीत किया। जिसके बाद उनके खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले जजों ने निशाना साधा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जज मदन बी लोकुर ने कहा कि कुछ समय पहले ही अपने सोचा था कि जस्टिस गोगोई को क्या सम्मान मिलेगा। लेकिन सोचा नहीं था कि इतनी जल्द ही सम्मान मिल जाएगा। आश्चर्य की बात है कि ये फैसला इतनी जल्दी आया ये आश्चर्य की बात है। उन्होंने कहा कि ये न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अखंडता को फिर से परिभाषित करता है।
रंजन गोगोई ने अपने वक्त में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए थे। जिसमें राम मंदिर का मुद्दा सबसे अहम था। बाद में वह उसी महीने रिटायर हो गए थे। अगर रंजन गोगोई के फैसलों की बात करें तो सबरीमला मंदिर विवाद, राफेल सौदा था।
बता दें कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा 12 लोगों को मनोनीत किया जाता है। राष्ट्रपति का यह कदम अभूतपूर्व है। किसी भी मुख्य न्यायाधीश को उच्च सदन में नामांकित नहीं किया गया है। आमतौर पर राज्य के प्रमुख द्वारा मशहूर हस्तियों और कलाकारों का वर्चस्व है। न्यायपालिका के कुछ सदस्यों ने विधायिका के स्थान को पार कर लिया है।
ये सीट केटीएस तुलसी के रिटायरमेंट की वजह से खाली हुई है। राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य होते हैं। जिसमें 12 लोगों को राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया जाता है।
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