ओडिशा के पूर्व सीएम हेमानंद बिस्वाल का 82 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने दुख जताया

ओडिशा के पूर्व सीएम हेमानंद बिस्वाल का 82 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने दुख जताया
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बिस्वाल की बेटी सुनीता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह निमोनिया से पीड़ित थे और उनकी पांच बेटियां हैं।

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Odisha Chief Minister) और प्रमुख आदिवासी कांग्रेस नेता हेमानंद बिस्वाल (Hemanand Biswal passed away) का शुक्रवार को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। परिवार के सदस्यों ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि निमोनिया के इलाज के दौरान उनका निधन हुआ है। बिस्वाल की बेटी सुनीता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह निमोनिया से पीड़ित थे और उनकी पांच बेटियां हैं- सबिता, संजुक्य, मंजिउलता, सुनीता और अनीता।

हेमानंद बिस्वाल जी के निधन से व्यथित हूं

हेमानंद बिस्वाल के निधन पर पीएम मोदी, राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमानंद बिस्वाल जी के निधन से व्यथित हूं। वे कई वर्षों तक सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे और लोगों के बीच खूब काम किया। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।

महान आदिवासी नेता के रूप में याद किया जाएगा

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि श्री हेमानंद बिस्वाल जी के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। वह कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता थे और उन्हें एक महान आदिवासी नेता के रूप में याद किया जाएगा।

ओडिशा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री थे

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिस्वाल ने लोकसभा में सुंदरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व किया और दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहने के अलावा वे झारसुगुडा जिले से छह बार विधायक रहे। वह पहली बार 7 दिसंबर 1989 से 5 मार्च 1990 की अवधि के लिए और फिर 6 दिसंबर 1999 से 5 मार्च 2000 तक मुख्यमंत्री चुने गए। वह ओडिशा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री थे।वह 1974 में पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए और 1977 तक बने रहे। बाद में वे 1980 में विधायक बने और 2004 तक लाइकेरा विधानसभा क्षेत्र से इस पद पर रहे। झारसुगुड्डा जिले में एक स्कूल शिक्षक के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद बिस्वाल ने पंचायत राजनीति से अपना करियर शुरू किया था।

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