Big News: मोदी सरकार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कृषि बिलों के विरोध में पद्मविभूषण सम्मान लौटाया

Big News: मोदी सरकार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कृषि  बिलों के विरोध में पद्मविभूषण सम्मान लौटाया
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कृषि बैठक से पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में पद्मविभूषण सम्मान वापस कर दिया है।

कृषि बैठक से पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में पद्मविभूषण सम्मान वापस कर दिया है। इससे पहले उनकी बहू हरसिमरत कौर ने तीन बिलों के पास होने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने मोदी सरकार के नए कृषि बिलों के विरोध में गुरुवार को देश के सबसे बड़े और दूसरे पुरस्कार पद्म विभूषण को वापस पर दिया है।

जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रकाश सिंह बादल ने खत लिख कर कहा कि उन्होंने यह कदम किसानों के साथ सरकार द्वारा व्यवहार करने के तरीके को लेकर उठाया है। उन्होंने कहा कि मैं इतना गरीब महसूस कर रहा हूं कि मेरे पास किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और उनके लिए बलिदान करने के अलावा कुछ नहीं है।

ये हैं किसानों की मांग

कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान सड़कों पर हैं। पिछले कुछ दिनों से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर हैं। किसानों ने दिल्‍ली चलो मार्च के माध्यम से सरकार पर हाल ही में पारित कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाने के चलते आंदोलन शुरु किया है।

किसान केंद्र से मांग कर रहे हैं कि तीनों विधायकों को वापस ले लें या हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद नया कानून पारित करके अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दें। किसान मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, किसानों (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते के खिलाफ हैं। जब तक इसमें बदलाव नहीं होता है तब तक कोई विचार विमर्श नहीं किया जाएगा। इस कानून के तहत, किसान सरकारी मंडियों के अलावा अन्य किसानों को अपनी फसल बेच सकेंगे। यह उनकी उपज को अन्य राज्यों में बेचने का प्रावधान भी देता है। अधिक दिलचस्प बात यह है कि यह किसानों को अपनी उपज ऑनलाइन बेचने की अनुमति देता है। लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों का तर्क है कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की वर्तमान प्रणाली को समाप्त करना चाहती है।

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