विपक्षी एकता की Patna बैठक से इन 4 नेताओं ने बनाई दूरी, जानें कौन हैं यह नेता

विपक्षी एकता की Patna बैठक से इन 4 नेताओं ने बनाई दूरी, जानें कौन हैं यह नेता
X
23 जून को पटना (Patna) में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा आयोजित विपक्षी दलों की बैठक (Opposition Meeting) होनी है। इस दौरान कई दलों के नेता इस बैठक में भाग लेंगे, लेकिन देश के 4 बड़े नेता विपक्षी एकता की इस मुहिम से दूरी बनाए हुए हैं। आइए, जानते हैं कौन हैं ये चारों नेता...

Opposition Meeting in Patna: बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होनी है। यह बैठक सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा आयोजित की गई है। इस दौरान एक मंच पर करीब 17 दलों के नेता शक्ति प्रदर्शन करने वाले हैं। इस बैठक में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भाजपा (BJP) को हराने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में ज्यादा से ज्यादा नेताओं को शामिल करने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली से लेकर दक्षिण भारत तक का सफर किया था। उन्होंने कांग्रेस सहित लगभग सभी बड़ी पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें बैठक में शामिल होने का न्योता दिया था। इनमें से तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर (KCR), ओडिशा सीएम नवीन पटनायक (Naveen Patnaik), आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने बैठक में शामिल होने से पहले ही इनकार कर दिया था। आइए, जानते हैं कि इन दलों की राजनीतिक ताकत क्या है? इसके अलावा 23 जून की पटना बैठक में इनके शामिल न होने से विपक्ष पर क्या असर होगा?

एचडी कुमारस्वामी

कर्नाटक में जेडीएस की अच्छी पकड़ मानी जाती है। हालांकि, इस बार विधानसभा चुनाव में इसे 19 सीटें ही मिली और लोकसभा में भी पार्टी का केवल एक ही सांसद है। एचडी कुमारस्वामी वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं, जो उनका कोर वोटबैंक माना जाता है। प्रदेश में इस समुदाय के लोगों की आबादी करीब 12 फीसदी है। इन सबके बीच चर्चा है कि जेडीएस बीजेपी के संपर्क में है। उसने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी से चार सीटों की मांग की है।

जगन मोहन रेड्डी

आंध्र प्रदेश में वाईआरएस कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी की सरकार है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में पार्टी ने 175 सीटों में से 151 सीटें जीती थी। लोकसभा में पार्टी के 22 सांसद हैं। जगन मोहन रेड्डी की राजनीतिक ताकत के कारण ही बीजेपी उन पर नजर रखी हुई है। वैसे जगन भी बीजेपी से निकटता बनाए रखने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं दे रहे हैं। ऐसे में भले ही वे एनडीए में शामिल न हो, लेकिन कई मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार का समर्थन करते दिखते हैं।

नवीन पटनायक

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पिछले दिनों विपक्षी एकता में जुटे बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद उन्होंने साफ कर दिया था कि वे लोकसभा और विधानसभा में अकेले चुनाव लड़ेंगे। पटनायक की पूरी राजनीति फिलहाल कांग्रेस के खिलाफ है। इसके अलावा पटनायक ऐसे नेता माने जाते हैं, जिनका पूरा फोकस ओडिशा की राजनीति पर ही रहा है। अगर नवीन पटनायक की राजनीतिक ताकत की बात करें तो लोकसभा में उनके 12 सांसद हैं। इस समय ओडिशा विधानसभा की 146 सीटों में से इनकी पार्टी बीजद का 112 सीट पर कब्जा है। यानी केंद्र और राज्य दोनों ही जगहों पर पटनायक मजबूत स्थिति में हैं।

Also read: Patna में विपक्षी एकता की बैठक से पहले लगे Arvind Kejriwal के पोस्टर, 2024 का पीएम बताया

के चंद्रशेखर राव

तेलंगाना के सीएम केसीआर और कांग्रेस में राजनीतिक टकराव किसी से छुपा नहीं है। कर्नाटक में चुनाव जीतने के बाद शपथ ग्रहण समारोह के लिए कांग्रेस ने कई विपक्षी दलों को न्योता दिया था, लेकिन उसने केसीआर को निमंत्रण नहीं भेजा था। इसके बाद केसीआर ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि पिछले 75 सालों से एक ही कहानी दोहराती रहती है, लेकिन उनमें कोई बदलाव नहीं है। यानी पटना में होने वाली बैठक में केसीआर के शामिल न होने के पीछे एक बड़ी वजह कांग्रेस भी है। तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों में 88 पर चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस का कब्जा है। वहीं लोकसभा में भी टीआरएस के 9 सांसद हैं। यानी टीआरएस का सपोर्ट किसी भी विपक्षी दल के लिए मायने रखता है।

Also read: विपक्ष की बैठक में ये नेता होंगे शामिल, महागठबंधन पर लटक रही तलवार! कैसे लगेगी नैया पार

Tags

Next Story