सौरव गांगुली और जय शाह को सुप्रीम कोर्ट से छूट, BCCI को संविधान संशोधन की मंजूरी

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (BCCI President Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Secretary Jay Shah) के लिए सुप्रीम कोर्ट से बड़ा फैसला आया है। अब अगले तीन साल तक भारतीय क्रिकेट बोर्ड के बॉस बने रहने का भी रास्ता साफ हो गया है। बीसीसीआई के संविधान में बदलाव को लेकर करीब तीन साल पहले दायर अपील पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी संविधान में संशोधन की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड के अधिकारियों के कार्यकाल और कूलिंग-ऑफ अवधि के संबंध में पुराने नियमों में ढील देते हुए बीसीसीआई को अपने संविधान में संशोधन करने की अनुमति दी है और अब वह लगातार छह सालों तक बीसीसीआई या राज्य क्रिकेट संघ में रह सकता है।
आपको बता दें कि बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, एक पदाधिकारी को राज्य संघ या बीसीसीआई या दोनों में संयुक्त रूप से लगातार दो कार्यकालों के बीच तीन साल की कूलिंग-ऑफ अवधि का सामना करना पड़ता है। भारतीय बोर्ड की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से कहा कि देश में क्रिकेट का खेल काफी व्यवस्थित है।
जानें क्या था सौरव गांगुली का मामला
सौरव गांगुली ने 23 अक्टूबर 2019 को बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला था। जबकि जय शाह 24 अक्टूबर 2019 को बीसीसीआई सचिव बने थे। ऐसे में दोनों का कार्यकाल अगले महीने यानी अक्टूबर 2022 में खत्म हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई और इसपर कोर्ट ने सुनवाई भी की।
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