बिहार से शुरू हुई गरीब कल्याण रोजगार अभियान, जानें कितने राज्यों के प्रवासियों को मिलेगा रोजगार

देश भर में दूसरे राज्यों से करीब 88 लाख प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्य लौटे हैं। कोरोना लॉकडाउन होने के चलते लोगों पर रोजगार का संकट पैदा हो गया है। इस पहल को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की।
इस योजना की शुरुआत सबसे पहले बिहार के खगड़िया जिले से की गई। पीएम मोदी के द्वारा बिहार के खगड़िया जिले के ब्लॉक बेलदौर के गांव तेलिहार से लॉन्च किया। बता दें कि तेलिहार गांव में दूसरे राज्य से काफी संख्या में मजदूर वापस लौटे हैं।
इन सभी मजदूरों की योग्यता के अनुसार रोजगार दिया जाएगा। डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा कि इस पंचायत की स्किल मैपिंग की गई थी। स्किल मैपिंग के माध्यम से 445 प्रवासियों की पहचान की गई।
116 जिलों के प्रवासियों को मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत 6 राज्यों के प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इनमें से मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड और बिहार राज्य शामिल है। इन छह राज्यों में 116 जिलों को शामिल किया गया है। जहां सभी गरीब मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा।
प्रवासियों को 25 तरह के काम का मिलेगा ऑफर
बिहार के 32, उत्तर प्रदेश के 31, मध्य प्रदेश के 24, राजस्थान के 22, ओडिशा के 4 और झारखंड के 3 जिले शामिल हैं। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत साल में 125 दिनों के लिए रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
इस योजना में करीब 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। मजदूरों को 25 तरह के काम दिए जाएंगे। इनमें सड़क, ग्रामीण आवास, बागवानी, पौधारोपण, जल संरक्षण और सिंचाई, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन और जल जीवन मिशन जैसे काम शामिल हैं।
मजदूरों की योग्यता के अनुसार लोगों को अलग-अलग काम सौंपा जाएगा। सरकार ने दावा किया है कि इन 6 राज्यों में मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई है। इसके तहत अभी 25 हजार प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया गया है।
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