Afghanistan Crisis : जर्मनी विदेशी मंत्री ने की भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से बातचीत, इस पर बनी सहमति

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की उच्च स्तरीय बैठक (High Level Meeting) में आतंक का समर्थन करने वाले देशों को दो टूक जवाब देने वाले भारत (India) से अब जर्मनी ने भी समन्वय बनाकर काम करने की इच्छाशक्ति जताई है। जर्मनी के विदेश मंत्री हेइको मास ने आज अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से फोन पर अफगानिस्तान में बने हालातों पर चर्चा की। इस दौरान अफगानिस्तान में फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकालने के साथ ही वहां हुए परिवर्तन को लेकर नीतियां बनाने पर भी बातचीत हुई।
External Affairs Minister S Jaishankar receives a call from his German counterpart Heiko Maas
— ANI (@ANI) August 21, 2021
"Discussed the evacuation challenges in Afghanistan and the policy implications of the changes there," the EAM tweets
(File photo) pic.twitter.com/9RMAYyGRDX
बता दें कि जर्मनी से पहले अमेरिका ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण का समर्थन किया था। भारत ने यूएनएससी की बैठक में कहा था कि भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह किसी भी रूप में हो, इसे न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा था कि आज कुछ देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने में जुटे हैं, लेकिन दुनिया को आतंकवाद की बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।
इसके कुछ समय बाद ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच बातचीत हुई। दोनों ने अफगानिस्तान के मसले पर चर्चा की और आगे भी समन्वय बनाकर काम करने का फैसला किया है।' इस बारे में अमेरिकी विदेशी मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, 'अफगानिस्तान के बारे में आज डॉ. एस जयशंकर के साथ उपयोगी बातचीत। हम अपने करीबी समन्वय को जारी रखने के लिए सहमत हुए।'
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