राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण का कांग्रेस और आप समेत 17 राजनीतिक पार्टियां करेंगी बहिष्कार, गुलाम नबी आजाद ने जारी किया बयान

Parliament Budget Session: संसद में बजट सत्र के प्रथम दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण होगा। जिसका नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों ने बहिष्कार करने का निणर्य लिया है। जानकारी के अनुसार 29 जनवरी से संसद में बजट सत्र की शुरुआत होगी। इसी दिन संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण होगा। 16 राजनीति दलों द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार किए जाने को लेकर लिए गए निर्णय का कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को संयुक्त बयान जारी करके जानकारी दी है।
16 राजनीतिक दलों के तरफ से हम आज बयान जारी कर रहे हैं कि कल संसद में माननीय राष्ट्रपति का जो अभिभाषण है हम उसका बहिष्कार करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकार ने किसानों की मर्ज़ी के बिना ये 3 बिल जबरदस्ती पास किए थे: गुलाम नबी आज़ाद, कांग्रेस pic.twitter.com/iddQj3YAD2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2021
गुलाम नबी आजाद ने जारी बयान में कहा कि 16 राजनीतिक दलों के तरफ से हम आज बयान जारी कर रहे हैं। कल यानि कि 29 जनवरी को संसद में माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जो अभिभाषण होना है। हम सभी 16 सियासी दल उसका बहिष्कार करते हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण को बहिष्कार करने की वजह नए कृषि कानून हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की मर्जी के बिना ये तीन कृषि बिल जबरदस्ती पास किए थे।
आप ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का निर्णय लिया
दूसरी ओर आप पार्टी ने भी कल संसद में होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। आप नेता संजय सिंह गुरुवार को मीडिया में बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी है। संजय सिंह ने कहा कि हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद कल राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
'आप' समेत 17 सियासी दल राष्ट्रपति के अभिभाषण का कर रहे विरोध
किसानों के समर्थन और नये कृषि कानूनों के विरोध को लेकर कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, एआईआईसी, डीएमके, जेकेएनसी, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, सीपीआई(एम), सीपीआई, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस, एआईयूडीएफ और आम आदमी पार्टी 'आप' राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध करने वाले सियासी दलों में शामिल है।
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