संजय राउत बोले- बागी विधायकों से मुझे भी गुवाहाटी जाने का प्रस्ताव मिला था, मैं नहीं गया- जानें क्या बताया कारण

संजय राउत बोले- बागी विधायकों से मुझे भी गुवाहाटी जाने का प्रस्ताव मिला था, मैं नहीं गया- जानें क्या बताया कारण
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मैं विश्वास के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास गया क्योंकि मुझे पता है कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। अधिकारी बहुत अच्छे से मेरे साथ पेश आए।

महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना विधायक संजय राउत (Sanjay Raut) ने शनिवार को कहा कि उन्हें भी गुवाहाटी (Guwahati) में विधायकों के बागी समूह में शामिल होने की पेशकश की गई थी। मैंने साफ तौर पर मना कर दिया। क्योंकि मैंने बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) का अनुसरण किया। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, संजय राउत (Sanjay Raut) ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे भी गुवाहाटी जाने का प्रस्ताव मिला था लेकिन मैं बालासाहेब ठाकरे का अनुसरण करता हूं इसलिए मैं वहां नहीं गया। जब सच्चाई आपके पक्ष में है, तो डर क्यों है?

मैं विश्वास के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास गया क्योंकि मुझे पता है कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। अधिकारी बहुत अच्छे से मेरे साथ पेश आए। मैंने सभी प्रश्नों का उत्तर दिया। मैंने उन्हें कहा कि अगर आपको लगता है कि मुझे वापस आना चाहिए तो मैं फिर आ जाऊंगा। मैं 10 घंटे के लिए अंदर गया और लौट आया। मैं गुवाहाटी भी जा सकता था लेकिन मैं बालासाहेब का सैनिक हूं। जब सच्चाई आपके साथ है तो डर क्यों?

उन्होंने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के सीएम नहीं हैं। उद्धव ठाकरे ने अब साफ कर दिया है। यह शिवसेना को कमजोर करने की भाजपा की रणनीति है, क्योंकि वे मुंबई में शिवसेना की शक्ति को कम करना चाहते हैं। इसीलिए बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया है। इसके अलावा राउत ने कहा कि शुक्रवार को शिवसेना सांसदों की बैठक हुई और देखा गया कि इन लोगों की भावनाएं क्या हैं। असली शिवसैनिक किसी प्रलोभन के आगे नहीं झुकेंगे। असली शिवसेना उद्धव ठाकरे के साथ है।

ईडी के सामने पेश हुए राउत

बता दें कि बीते शुक्रवार को शिवसेना सांसद संजय राउत एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। करीब 10 घंटे तक अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की, इसके बाद वे ईडी दफ्तर से चले गए। उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिए और अगर उन्हें तलब किया गया तो वह फिर से केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होंगे।

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