देश में रहेंगे अब केवल 12 सरकारी बैंक, विलय से ग्राहकों के ऊपर ये असर पड़ेगा

देश में रहेंगे अब केवल 12 सरकारी बैंक, विलय से ग्राहकों के ऊपर ये असर पड़ेगा
X
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को दस बैंकों के विलय ऐलान किया है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, ओबीसी सिंडिकेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्र बैंक के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। पिछले साल सितंबर में देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक के विलय का ऐलान किया गया था। इसके बाद 1 अप्रैल को दोनों बैंकों को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय को मंजूरी दे दी गई थी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को दस बैंकों के विलय ऐलान किया है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, ओबीसी सिंडिकेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्र बैंक के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। पिछले साल सितंबर में देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक के विलय का ऐलान किया गया था। इसके बाद 1 अप्रैल को दोनों बैंकों को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय को मंजूरी दे दी गई थी।

खबरों के मुताबिक अब इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय हो जाएगा जबकि पीएनबी, ओबीसी और यूनाइटेड बैंक का विलय किया जाएगा। इसी तरह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्र बैंक और कॉरपोरेट बैंक का विलय किया जाएगा। केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय किया जाएगा।

2017 तक देश में 27 सरकारी बैंक थे अब यह संख्या 12 रह जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले साल तीन बैंकों के विलय से फायदा हुआ, रिटेल लोन ग्रोथ में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

पीएनबी, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय के साथ ही अब तीनों मिलकर दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेंगे। तीनों का संयुक्त कारोबार अब 17.95 लाख करोड़ रुपये होगा। जबकि केनरा और सिंडिकेट बैंक मिलकर चौथा सबसे बड़ा बैंक बनेंगे।

इसके अलावा यूनियन बैंक का आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक ऑफ इंडिया में विलय के साथ ही यह पांचवा सबसे बड़ा बैंक बनेगा। इसका कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। इंडियन बैंक और इलाहबाद बैंक विलय के साथ ही सातवां बड़ा बैंक बनेगा। इसका कारोबार 8.08 करोड़ रुपये होगा।




वहीं वित्त मंत्रालय के वित्त सचिव राजीव कुमार ने अपने एक ट्वीट में लिखा कि बड़े बैंक अब अपना लक्ष्य वैश्विक बाजार पर रखेंगे। मंझले बैंक राष्ट्रीय सत्र के बनेगे और कुछ बैंक स्थानीय नेतृत्व करेंगे।

पीएसयू बैंक की हालत सुधारने के हिसाब से भी यह काफी महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वास्तव में पिछले कुछ सालों में बैंकों पर एनपीए या खराब लोन का बोझ बढ़ता जा रहा है। इस वजह से बैंक लोन बांटने में हिचक रहे थे। नए लोन की मांग कारोबारी सुस्ती के माहौल की वजह से भी कम थी। बैंकों के विलय से अब उनके बैलेंस शीट को सुधारने में मदद मिलेगी। वास्तव में इस तरह का विलय कमजोर सरकारी बैंकों की सेहत सुधारने का अच्छा उपाय है। इससे लबीं अवधि में सरकार पर बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने का दबाव भी घटता है।

इस विलय के साथ ही ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। इसके साथ ही जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड जारी किए जाएंगे उन्हें इनकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरेंस कंपनियों, म्यूजचुअल फंड, एनपीएस और दूसरी सरकारी योजनाओं में अपडेट करानी होंगी। वहीं जिन ग्राहकों की एसआईपी या लोन ईएमआई चल रही है उन्हें नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।

इसके अलावा ग्राहकों को नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड भी जारी किया जा सकता है। एफडी या आरडी पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा। वहीं जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, वह स्थिर रहेगी और कोई बदलाव नहीं होगा। वहीं विलय के बाद कुछ शाखाएं बंद होंगी जिसके लिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ेगा।



और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

Tags

Next Story