आज कम हो सकते हैं सरसों और रिफाइंड तेल के दाम, सरकार ने बुलाई तेल कारोबारियों की बैठक

आज कम हो सकते हैं सरसों और रिफाइंड तेल के दाम, सरकार ने बुलाई तेल कारोबारियों की बैठक
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मार्केट में पिछले साल तेल और रिफाइंड के दाम 200 के आंकड़े को छू चुके हैं। हल्के से हल्के ब्रांड के भी सरसों तेल और रिफाइंड तेल के दाम 170 से 180 रुपये किलो है। जिसकी वजह से आम आदमी अब परेशान हो चुका है।

पिछले साल से सरसों और रिफाइंड तेल के दामों में बढ़ोतरी से हर आम आदमी परेशान है। रसोई घर में सबसे ज्यादा सरसों के तेल या रिफाइड का ही इस्तेमाल किया जाता है और जब दोनों के दाम आसमान में हो तो लोगों की परेशानी बढ़ना लाजमी है। इसी को देखते हुए सोमवार को यानि आज केन्द्र सरकार (Central Government) ने तेल कारोबारियों और उनकी एसोसिएशन के साथ बैठक बुलाई है। संभावना जताई जा रही है कि यह बैठक तेल और रिफाइंड के बढ़ते दामों पर लगाम लगाने और इन्हें कम करने के लिए की जा रही है।

दरअसल, मार्केट में पिछले साल तेल और रिफाइंड के दाम 200 के आंकड़े को छू चुके हैं। हल्के से हल्के ब्रांड के भी (Mustard oil) सरसों तेल और रिफाइंड तेल के दाम 170 से 180 रुपये किलो है। जिसकी वजह से आम आदमी अब परेशान हो चुका है। लगातार तेल के दामों में तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने तेल कारोबारियों और एसोसिएशन के साथ बैठक शुरू कर दी है। वहीं दामों में तेजी को लेकर तेल कारोबारियों की एसोसिएशन ने तेल सटोरियों को जिम्मेदार ठहराया है। तेल व्यापारी महासंघ अध्यक्ष ने कहा शंकर ठक्कर ने कहा कि हमने पिछले लॉकडाउन में ही सरकार को तेल सटोरियों द्वारा किये जा रहे खेल को लेकर आगाह किया था। उन्हें बताया था कि तेल सटोरियों द्वारा खेल करने की संभावनाएं बन रही हैं। इनकी कमर तोड़ने के लिए सरकार कदम उठाये, लेकिन सरकार ने इस बात नजरअंदाज कर दिया है। अब इसी का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

तेल व्यापारियों ने सरकार को यह कदम उठाने के दिये सुझाव

वहीं खबरों के अनुसार, तेल के बढ़ते दामों पर रोक लगाने के लिए तेल महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण जैन ने सरकार को तुरंत वायदे और सट्टे पर रोक लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कुछ बड़े सटोरिये बाजार में तेल के दामों को ऊपर और नीचे करने का खेल खेलते हैं। इन पर रोक लगाई जा सके। इसी को लेकर केंद्र सरकार ने तेल कारोबारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठकर में तेल के दामों को कंट्रोल करना ही विषय होगा। जिस पर सरकार और कारोबारियों के बीच खास बातचीत होगी।

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