छत्तीसगढ़ सरकार देगी रेलवे को मजदूरों की घर वापसी का किराया, जनरल डिब्बे के टिकट की दरों पर होगा भुगतान

छत्तीसगढ़ सरकार देगी रेलवे को मजदूरों की घर वापसी का किराया, जनरल डिब्बे के टिकट की दरों पर होगा भुगतान
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रेलवे व राज्य सरकार के बीच मजदूरों को ट्रेन से घर वापस लाने पर सहमति बन गई है। जल्द ही प्रदेश से बाहर दूसरे राज्यों में फंसे मजदूराें की घर वापसी हाे सकेगी। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि मजदूराें का ट्रेन से लौटने का किराया राज्य सरकार देगी।

रेलवे व राज्य सरकार के बीच मजदूरों को ट्रेन से घर वापस लाने पर सहमति बन गई है। जल्द ही प्रदेश से बाहर दूसरे राज्यों में फंसे मजदूराें की घर वापसी हाे सकेगी। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि मजदूराें का ट्रेन से लौटने का किराया राज्य सरकार देगी। इस पर राज्य सरकार ने रायपुर रेलवे डिवीजन से यात्री भाड़ा खर्च की जानकारी मांगी है, जिस पर रेलवे ने प्रत्येक पैसेंजर से जनरल क्लास के हिसाब से किराया लेने की बात कही है।

वहीं रेलवे ने एक ट्रेन से एक बार में 1200 मजदूरों का परिवहन करने का निर्णय लिया है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर 72 सीटर स्लीपर कोच के एक डिब्बे में 50 यात्रियों काे ही सफर करने की अनुमति होगी। इसके अलावा शुरुआती स्टेशन से पहुुंच स्टेशन तक दोनों जगहों पर प्रत्येक मजदूर की कोरोना संबंधित जांच के बाद ही ट्रेन से सफर की अनुमति दी जाएगी।

हालांकि राज्य सरकार व रेलवे के बीच मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने पर बात हुई है, पर ट्रेनें कब से चलेंगी और कितनी संख्या में ट्रेनें चलाई जाएंगी, अभी इस पर कोई भी निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन यह तय है कि मजदूरों की घर वापसी के लिए ट्रेनें चलेंगी। इधर राज्य सरकार के सबंधित अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनें चलाने को लेकर रेलवे से चर्चा की गई है। इस पर रेलवे ने ट्रेनें उपलब्ध कराने की बात कही है। जल्द ही प्रदेश के बाहर दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों की ट्रेन परिवहन के माध्यम से घर वापसी हाेगी।

एक ट्रेन में 24 कोच

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन से मजदूरों के परिवहन के लिए प्रत्येक ट्रेन में 24 स्लीपर कोच की सुविधा होगी, ताकि हर कोच में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराते हुए एक बार में 1200 मजदूरों का सुरक्षित आगमन हो सके। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक कोच में आरपीएफ के जवानों की मौजूदगी रहेगी।

प्रत्येक यात्री का किराया लगभग 455 रुपए

गाैरतलब है कि जम्मूतवी-दुर्ग एक्सप्रेस में जनरल क्लास का यात्री किराया लगभग 440 से 455 रुपए के आसपास है। ऐसे में अगर जम्मू से रायपुर के बीच 1200 यात्रियों का किराया 455 रुपए के हिसाब से लगाया जाए तो करीब 5 लाख 46 हजार के आसपास किराया खर्च आएगा। यहां करीब 24 हजार मजदूर फंसे हैं, ऐसे में 20 ट्रेनों से इन्हें लाने का इंतजाम किया जाएगा, जिसमें एक करोड़ रुपए से अधिक खर्च आएगा।

यूपी, जम्मू के लिए सबसे पहले ट्रेन की संभावना

राज्य सरकार व रेलवे अधिकारियों की मुताबिक यूपी या जम्मू के लिए सबसे पहले ट्रेन चलाने की संभावना बन रही है, क्योंकि राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 1.17 लाख से भी अधिक प्रवासी श्रमिक देश के 21 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी है। इनमें सबसे ज्यादा 24090 मजदूर जम्मू-कश्मीर में हैं, जबकि महाराष्ट्र में 18704, यूपी में 13172, तेलंगाना में 12730, गुजरात में 8071, कर्नाटक में 3279, तमिलनाडु में 2963, मध्यप्रदेश में 2840, आंध्रप्रदेश में 2392, हरियाणा में 2008, दिल्ली में 2000 और हिमाचल में 1800 मजदूर फंसे हैं।

चर्चा हुई है

स्पेशल श्रमिक ट्रेनों के परिचालन व यात्री किराया को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के सेक्रेटरी के साथ हुई मीटिंग में रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन से राज्य सरकार को अवगत करा दिया गया है। साथ ही मजदूरों के परिवहन में यात्री किराया जनरल क्लास की दर से लिया जाएगा।

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