मोदी कैबिनेट का बड़ा ऐलान: घरेलू तेल उत्पादकों को मार्केटिंग की आजादी, किसानों को भी दी राहत

केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला लिया। इस फैसले की वजह से अब घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों को तेल बेचने की आजादी दे रही है। साथ ही अब किसानों को भी राहत मिलेगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री के नियंत्रण को मंजूरी दे दी है। वहीं देश की 63 हजार प्राथमिक कृषि ऋण समितियों यानी पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण को मंजूरी दे दी गई है। जिसका उद्देश्य पैक्स की दक्षता को बढ़ाना है और इसमें पारदर्शिता लाना है। इस पर कुल 2516 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।
Short-term co-operative credit has an important role in agriculture & rural development. #Cabinet has approved the computerization of 63,000 Primary Agriculture Credit Societies
— PIB India (@PIB_India) June 29, 2022
Overall budget outlay for the project will be ₹ 2,516 crore: Union Min @ianuragthakur #DigitalPACS pic.twitter.com/cUcsaOGySb
उऩ्होंने आगे कहा कि देश में उत्पादित क्रूड का 99 फीसदी सरकारी रिफाइनरियों को आवंटित किया जाता है। आज कैबिनेट ने घरेलू उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री के नियमन को मंजूरी देते हुए इसे फैसले को एक अक्टूबर 2022 से प्रभावी बताया है। यानी कि अब तेल उत्पादन करने वाली तेल कंपनियां अब अपना तेल निजी रिफाइनरियों को भी बेच सकेंगी।
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