सीजीएचएस पैनल में शामिल अस्पताल इलाज से नहीं कर सकते इनकार, किया तो होगी सख्त कार्रवाई

सीजीएचएस पैनल में शामिल अस्पताल इलाज से नहीं कर सकते इनकार, किया तो होगी सख्त कार्रवाई
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) लाभार्थियों ने योजना के तहत पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज में होने वाली परेशानी के संबंध में शिकायत की थी।

देश में इस समय कोरोना वायरस संकट चल रहा है इस कारण कुछ अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं। इस संबंध में आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चेतावनी जारी करते हुए बयान दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना संक्रमित या अन्य किसी बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज करने से मना करने वाले सीजीएचएस के पैनल में शामिल अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) लाभार्थियों ने योजना के तहत पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज में होने वाली परेशानी के संबंध में शिकायत की थी। इसके बाद मंत्रालय ने सीजीएचएस लाभार्थियों की शिकायतों की समीक्षा की। समीक्षा के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने 9 जून को जारी आदेश में कहा कि मामले की समीक्षा की गई है। यह दोहराने का निर्णय किया गया है कि सीजीएचएस के पैनल में शामिल वे सभी अस्पताल, जिन्हें राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के उपचार के लिए चिह्नित किया है। वे योजना के नियमों के अनुसार, सीजीएचसी के लाभार्थियों को संक्रमण संबंधी बीमारियों के लिए उपचार संबंधी सुविधाएं मुहैया कराएंगे।

36 लाख लाभार्थी हैं और 12 लाख कार्डधारी

मिली जानकारी के अनुसार, मंत्रालय ने कहा है कि इसी तरह यह निर्णय लिया गया है कि सीजीएचएस पैनल में शामिल सभी अस्पताल, जिन्हें कोविड-19 के उपचार के लिए अधिसूचित नहीं किया गया है, वे सीजीएचएस लाभार्थियों को उपचार सुविधाएं देने या भर्ती करने से इनकार नहीं करेंगे। सभी अन्य उपचारों के लिए नियमानुसार ही शुल्क वसुलेंगे। दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। एक अधिकारी ने कहा कि इस योजना के अब तक करीब 36 लाख लाभार्थी हैं और 12 लाख कार्डधारी हैं।

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