Gujarat Election Result: भाजपा को इन पांच फैसलों ने दिलाई 156 सीटें, CM समेत बड़े नेताओं के काटे टिकट

Gujarat Election Result: भाजपा को इन पांच फैसलों ने दिलाई 156 सीटें, CM समेत बड़े नेताओं के काटे टिकट
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2017 के चुनावों में भाजपा सिर्फ 99 सीटों पर ही सिमट कर रह गई थी। पिछली बार के आए नतीजों को देखते हुए भाजपा ने इस बार जीत की तैयारी एक साल पहले से ही शुरू कर दी थी।

गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Election) में भाजपा (BJP) ने अब तक का अपना सबसे अच्छा और कांग्रेस (Congress) ने खराब प्रदर्शन किया है। 2017 के चुनावों में भाजपा सिर्फ 99 सीटों पर ही सिमट कर रह गई थी। पिछली बार के आए नतीजों को देखते हुए भाजपा ने इस बार जीत की तैयारी एक साल पहले से ही शुरू कर दी थी। गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने चुनाव शुरू होने से कुछ दिनों पहले ही बूथ लेवल पर हो रही तैयारियों की जानकारी लेना शुरू कर दिया था।

पार्टी नेताओं के अनुसार, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और कई नेताओं को अलग-अलग जगह भेजा गया और कई-कई घंटे मीटिंग ली गई। जिसका नतीजा रहा भाजपा के ऐतिहासिक जीत हासिल की।

भाजपा के इन पांच फैसलों ने दिलाई ऐतिहासिक जीत

1. भाजपा ने गुजरात में विधानसभा चुनाव होने से एक साल पहले ही मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित पूरी कैबिनेट को बदल दिया। नो रिपीट फॉर्मूले के तहत पुराने मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में जगह दी गई। भारतीय जनता पार्टी ने पूरी सरकार को बदलने का प्रयोग पहली बार किया है जो पूरी तरह से कामयाब रहा।

2. भाजपा ने इस बार अपने कई पुराने और बड़े नेताओं की टिकट काटी। इस बार भाजपा ने अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक मुख्यमंत्री रहे विजय रूपाणी को भी टिकट नहीं दिया। मेहसाणा विधानसभा सीट से नितिन पटेल को भी टिकट नहीं दिया। इसके साथ ही 42 विधायकों का भी टिकट काटा गया।

3. भाजपा ने 2017 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े प्रत्याशियों को अपना उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस के उन नेताओं पर भाजपा ने दांव खेला जो चुनावी मैदान में जीत के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। उन्हें अपने पाले में कर चुनाव मैदान में उतारा और जीत हासिल की।

4. 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा जिन सीटों पर हारी थी, इस बार उन सीटों पर सबसे पहले और जल्दी ही प्रचार शुरू कर दिया गया था। सौराष्ट्र क्षेत्र पाटीदार बहुल क्षेत्र माना जाता है। वहां पर भाजपा ने अपना चुनाव अभियान 6 महीने पहले ही शुरू कर दिया था। इसका पार्टी को फायदा भी हुआ क्योंकि 2017 में पाटीदार के एक समुदाय ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया था। लेकिन इस बार उस समुदाय ने भाजपा के पक्ष में वोट दिया।

5. इस बार मुख्यमंत्री सहित भाजपा ने कई नेताओं के टिकट काटे पर चुनाव मैदान में सभी नेताओं ने पार्टी के लिए जमकर काम किया। अगर किसी नेता ने मैदान में बगावत की तो उसके साथ पार्टी ने सख्ती से एक्शन लिया।

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