मोरबी पुल हादसे पर हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार को लगाई कड़ी फटकार, कहा- 'होशियार मत बनिए' जवाब दाखिल कीजिए

गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi Incident) में बीते 15 दिन पहले हुए ब्रिज हादसे पर मंगलवार को हाईकोर्ट (Gujarat High Court) में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट में मोरबी नागरिक निकाय प्रशासन (Morbi civic body administration) को कड़ी फटकार लगाई गई और कहा कि होशियार मत बनिए, ये बताइए इस घटना के बाद क्या कार्रवाई हुई और बिना टेंडर आमंत्रित किए रेनोवेशन का ठेका कैसे दिया गया।
कोर्ट ने मांगा जवाब
लॉ लाइव की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात हाईकोर्ट ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई के दौरान पूछा कि गुजरात स्थित अजंता मैन्युफैक्चरिंग को रिनोवेशन का ठेका कैसे दिया गया। जो ओरेवा समूह का एक हिस्सा है। कोर्ट ने कहा कि बिना टेंडर निकाले इस कंपनी को कैसे दी गई जिम्मेदारी?
इस हादसे के बाद प्रशासन ने की ये कार्रवाई
कोर्ट ने यह भी नोट किया कि 2017 में सस्पेंशन ब्रिज के संबंध में कलेक्टर राजकोट और अजंता मैन्युफैक्चरिंग के बीच 2008 में हुए एमओयू में संचालन, रखरखाव, प्रबंधन और किराया लेने के लिए हस्ताक्षर हुए। तो अजंता ने कैसे पुल का रखरखाव जारी रखा था। बता दें कि घटना के बाद 5 दिनों तक सरकार की ओर से राहत अभियान चलाया गया था। जांच में पता चला कि पुल की मरम्मत के लिए दो करोड़ रुपये मिले थे। लेकिन खर्च सिर्फ 12 लाख रुपए हुए थे। इस घटना में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें ओरेबा कंपनी का मैनेजर भी शामिल था।
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