Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू धर्म से मिली चीजें, कोर्ट ने ASI टीम को दिया ये आदेश

Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Masjid ASI survey) का ASI वैज्ञानिक सर्वेक्षण 24 जुलाई से शुरू हुआ था। वाराणसी की एक कोर्ट ने 8 सितंबर को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूरा करने और अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए एएसआई (ASI) को चार और हफ्ते की इजाजत दी थी। साथ ही, बुधवार को कोर्ट ने एएसआई की टीम से कहा कि सर्वे के दौरान मिली सभी हिंदू धर्म से संबंधित वस्तुओं को जिला मजिस्ट्रेट को सौंप दिया जाए।
कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा
वाराणसी (Varanasi) की एक जिला कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान जो चीजें हिंदू धर्म और पूजा-पाठ से संबंधित हैं और वह ऐतिहासिक महत्व भी रखती हैं, उन्हें डीएम (DM) को सौंप दिया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिला मजिस्ट्रेट इन चीजों को सही तरीके से सुरक्षित रखें। उनसे किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना की जाए। जब भी कोर्ट की तरफ से वह चीजें मांगी जाएं, तो उन्हें अदालत में पेश भी करें।
यह सर्वे इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के एक फैसले के बाद शुरू किया गया था। कोर्ट ने वाराणसी की जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट ने कहा था कि न्याय के लिए इसका सर्वे कराना सही होगा। हिंदू पक्ष के द्वारा दायर याचिका पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था। इसके बाद 24 जुलाई को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे शुरू किया था।
#WATCH | Gyanvapi case | Varanasi, UP: Advocate Anupam Dwivedi, representing the Hindu side says "On all the applications filed for the purpose of historical evidence or any other evidence which is found during the commission proceedings or ASI survey, Varanasi district court has… pic.twitter.com/vtwM9Xh7NE
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 14, 2023
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का विवाद काफी पुराना
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Masjid) का विवाद करीब 350 साल पुराना है, जब मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) का शासन हुआ करता था। हिंदू पक्ष (Hindu Side) का कहना है कि 1669 में औरंगजेब के आदेश पर मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई गई थी। वहीं, मुस्लिम पक्ष (Muslim Side) की तरफ से कहा गया था कि जिस जगह मस्जिद है उससे पहले वहां पर कोई भी मंदिर नहीं था।
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