Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी पर एएसआई आज भी नहीं सौंपेगी रिपोर्ट, कोर्ट से मांगी 15 दिन की मोहलत

Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी पर एएसआई आज भी नहीं सौंपेगी रिपोर्ट, कोर्ट से मांगी 15 दिन की मोहलत
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Gyanvapi Masjid Survey: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए यूपी की एक कोर्ट से 15 दिन का समय और मांगा है। कोर्ट इस मामले पर कल सुनवाई करेगा। पढ़ें रिपोर्ट...

Gyanvapi Masjid Survey: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए उत्तर प्रदेश की वाराणसी कोर्ट से 15 दिनों की और मोहलत मांगी है। एएसआई के वकील की तरफ से जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। इस मामले पर कोर्ट कल सुनवाई करेगा। दरअसल, ज्ञानवापी परिसर में लगभग तीन माह तक चले वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में आज पेश होनी थी।

एएसआई ने 15 दिन की मोहलत मांगी

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पिछले सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन 2 नवंबर को इसकी अवधि बढ़ा दी गई। अदालत को बताया गया कि एएसआई अधिकारियों को सर्वेक्षण के निष्कर्षों को इकट्ठा करने के लिए और समय चाहिए। एएसआई ने मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया, जो प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित है। यह देखने के लिए कि क्या 17 वीं शताब्दी की मस्जिद एक हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई थी। सर्वेक्षण तब शुरू हुआ जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और इसे न्याय के हित में जरूरी बताया। कोर्ट ने कहा कि इससे याचिकाकर्ताओं और मस्जिद को फायदा होगा।

ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार ने तस्वीर बदल दी

मस्जिद के हर हिस्से में किए गए सर्वे की कई पन्नों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार की गई है। मस्जिद और तहखाने में दबी संरचनाओं की ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) जांच हैदराबाद की एक विशेष टीम द्वारा की गई है। जीपीआर में कानपुर के विशेषज्ञ भी शामिल थे। चार जगहों पर लगी जीपीआर मशीनों से जो सच सामने आया उससे एएसआई की उम्मीदें जग गईं और मौजूदा तस्वीर बदल गई। ज्ञानवापी का सच नई तस्वीरों के साथ सामने आया है, जिसके साथ एएसआई के अतिरिक्त निदेशक खुद कोर्ट पहुंचेंगे और विस्तृत फाइलें पेश करेंगे।

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