Gyanvapi Masjid Survey: इलाहाबाद HC ने सर्वे पर रोक को रखा बरकरार, कल फिर होगी सुनवाई

Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी मामले में आज मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई की गई। इस मामले पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे पर रोेक को बरकरार कर रखा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि कल दोपहर 3:30 बजे फिर सुनवाई होगी।
बता दें कि यह मुस्लिम पक्ष ने यह याचिका एसआई सर्वे (ASI Survey) के खिलाफ लगाई है। मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद करीब 1000 साल पुरानी है। उनकी तरफ से पेश वकील नकवी ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से जो बात कही जा रही है, वो बिल्कुल गलत है। 1669 में वाराणसी (Varanasi) में कोई मंदिर नहीं तोड़ा गया था। हिंदू पक्ष की तरफ से इलाहाबाद हाई कोर्ट में बुधवार को यह आश्वासन दिया गया कि एएसआई सर्वे से ज्ञानवापी मस्जिद को कोई क्षति नहीं पहुंचेगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने जब एएसजीआइ शशि प्रकाश सिंह से यह पूछा कि क्या ड्रिल नहीं करेंगे, क्या करेंगे बताएं। इस पर एएसजीआइ ने कहा जांच कर फोटो लेंगे, संपत्ति को क्षति नहीं होगी। कैसे जांच होगी यह टीम बता सकती है, किंतु बिना क्षति सर्वे पूरा होगा।
परिसर को कुछ क्षति हुई तो मस्जिद भी ध्वस्त हो जाएगी: नकवी
मस्जिद पक्ष की तरफ से पेश वकील एसएफए नकवी ने कहा कि सर्वे के लिए दी गई अर्जी में तीनों गुंबद के नीचे मंदिर का ढांचा है। यदि परिसर को कुछ क्षति हुई तो मस्जिद भी ध्वस्त हो जाएगी। एएसआई के पास मैकेनिज्म नहीं है कि खुदाई से भवन ध्वस्त होने से रोक सके। जैसे ही गहरी खुदाई की गई, मस्जिद गिरने की संभावना प्रबल हो जाएगी। नकवी ने आगे कहा, “हम ये बात नहीं कह रहे कि कोर्ट आदेश नहीं दे सकता। हमें एएसआई पर भी संदेह नहीं है। किंतु खुदाई से भवन को नुकसान होने की आशंका से हम इनकार नहीं कर सकते। बिना सबूत के याचिका दायर कर दी। कोर्ट पहले दूसरे पक्ष की आपत्ति पर ध्यान दें। आवश्यक होने पर साक्ष्य भी इकट्ठा किया जाना चाहिए।”
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने आवेदन का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के आदेश में सुधार की मांग की है जिसमें मस्जिद के अंदर पूजा के अधिकार की मांग करने वाले हिंदु पक्ष की मांग पर सवाल उठाने वाली समिति की अपील को निस्तारित कर दिया गया था।… pic.twitter.com/OJ1DJfM5yA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 26, 2023
कल्पना के आधार पर सर्वे की इजाजत नहीं दी जा सकती: नकवी
हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन (Advocate Vishnu Shankar Jain) से पूछा कि क्या खुदाई जरूरी है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि खुदाई बिल्कुल जरूरी है। फिलहाल हम मस्जिद की बजाय बंजर जमीन पर खुदाई करेंगे। आगे आवश्यकता पड़ने पर अंतिम चरण में बाकी काम किया जाएगा।मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश वकील नकवी ने कहा कि हिंदू पक्ष यह कोरी कल्पना कर रहा है कि मस्जिद के ढांचे के नीचे कुछ मौजूद है। कल्पना के आधार पर एएसआई सर्वे की इजाजत नहीं दी जा सकती।
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SC ने मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद HC जाने को कहा था
गौरतलब है कि ज्ञानवापी विवाद में हिंदू पक्ष की तरफ से याचिकाकर्ता राखी सिंह (Rakhi Singh) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा गया है कि अगर मुस्लिम पक्ष की याचिका को सुना जाता है तो हिंदू पक्ष की याचिका को सुने बिना कोई निर्णय न दिया जाए। राखी की तरफ से वकील सौरभ तिवारी (Advocate Saurabh Tiwari) ने यह याचिका दायर की है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम 5 बजे तक ज्ञानवापी परिसर में किसी तरह के सर्वे पर रोक लगा दी है। साथ ही मुस्लिम पक्ष को वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का आदेश दे दिया है।
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