Gyanvapi Case: शिवलिंग की होगी कार्बन डेटिंग, हिन्दू पक्ष में खुशी की लहर

Gyanvapi Case: शिवलिंग की होगी कार्बन डेटिंग, हिन्दू पक्ष में खुशी की लहर
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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) केस में बड़ा अपडेट आया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने ज्ञानवापी परिसर के शिवलिंग के कार्बन डेटिंग (Carbon Dating) कराने की अनुमति दी है। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि शिवलिंग को किसी प्रकार से क्षति नहीं पहुंचे। पढ़ें पूरा मामला...

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Masjid Controversy) फिर से सुर्खियों में आ गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी परिसर के शिवलिंग का कार्बन डेटिंग सर्वे (Carbon dating survey) कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग की साइंटिफिक सर्वे (Scientific Survey) होना चाहिए और स्ट्रक्चर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद हिंदू पक्ष में खुशी की लहर है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद लंबे समय से चल रहा है। हिंदु पक्ष का कहना है कि मस्जिद परिसर के भीतर शिवलिंग मिला है, उनकी कार्बन डेटिंग सर्वे कराया जाना चाहिए। इससे संबंधित एक अर्जी इलाहाबाद हाई कोर्ट में लगाई गई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (Archaeological Survey of India) की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज इस याचिका पर आदेश दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि शिवलिंग का कार्बन डेटिंग सर्वे कराया जाए। साथ ही ध्यान रहे कि स्ट्रक्चर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।

वाराणसी कोर्ट ने याचिका की थी खारिज

बता दें कि इससे पूर्व में वाराणसी जिला कोर्ट ने कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। वाराणसी की अधीनस्थ अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की यथास्थिति कायम रखने के आदेश के कारण जांच कराने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ता ने वाराणसी कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद आज हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कार्बन डेटिंग के आदेश दे दिए हैं।

HC ने पूछा- क्या नुकसान पहुंचाए बिना कार्बन डेटिंग संभव

कार्बन डेटिंग की मांग करने वाली याचिका पर राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और मुख्य स्थायी अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडेय ने पक्ष रखा था। इस याचिका पर विष्णु शंकर जैन, अधिवक्ता हरिशंकर जैन और ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ से एसएफए नकवी ने पक्ष रखा। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि क्या शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग से जांच की जा सकती है। इस पर एएसआई ने जवाब दिया कि हैं ऐसा हो सकता है। इसके बाद कोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करने की अनुमति दे दी है।

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