Happy Republic Day 2020 Bhagat Singh Slogan: शहीद भगत सिंह के वो नारे, जो आज भी देशवासियों की जुबान पर रहते हैं

Happy Republic Day 2020 26 January Republic Day Bhagat Singh Slogan Bhagat Singh Ke Nare: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने वाले सबसे प्रभावशाली क्रांतिकारियों में से एक भगत सिंह (Bhagat singh) का नाम सभी की जुबान पर रहता है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था। देश को समर्पित होने वाला यह नौजवान 23 वर्ष की आयु में ही शहीद हो गया था। उन्होंने अपने जीवन काल में एक मजबूत प्रभाव छोडा। भगत सिंह के नारे (Slogan) आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं। आइए इस गणतंत्र दिवस (Republic day) पर जानें भगत सिंह के कुछ खास नारे जिन्हें आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं।
इंकलाब जिंदाबाद
साम्राज्यवाद का नाश हो।
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आज़ाद है।
ज़रूरी नहीं था की क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो, यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था
बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते, क्रान्ति की तलवार विचारों के धार बढ़ाने वाले पत्थर पर रगड़ी जाती है।
क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है। स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है। श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।
व्यक्तियो को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते।
निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं।
मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।
प्रेमी, पागल, और कवी एक ही चीज से बने होते हैं।
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