हरदीप सिंह पुरी बोले- सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर झूठ फैलाया जा रहा, बताया किताने हजार करोड़ आ रहा खर्चा

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हम दो सेगमेंट पर प्राथमिकता के आधार पर अभी काम कर रहे हैं। साल 2012 में मीरा कुमार जी के समय नए संसद भवन का फ़ैसला लिया गया था। जयराम रमेश ने नए संसद भवन की ज़रूरत के लिए एक लेख लिखा था।
जब मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं तो उनके एक ओएसडी थे जिन्होंने आवास मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि एक फैसला ले लिया गया है कि एक नई संसद भवन बननी चाहिए। हरदीप सिंह पुरी ने आगे कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर एक गलत कहानी गढ़ी जा रही है। इस पर महामारी के बहुत पहले फैसला ले लिया गया था। संसद का नया भवन बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि पुराना भवन सेस्मिक ज़ोन 2 में आता था। अगर तेज भूंकप आए तो अब ये भवन सेस्मिक ज़ोन 4 में है।
आगे कहा कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या 350 मिलियन के करीब थी। संसद भवन में हमें जगह की जरूरत होती है ताकि संसद सदस्य बैठ सकें। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से यह मांग की जा रही है। कुल खर्चा 1300 करोड़ रुपये के आसपास है। कहा जा रहा है 20,000 करोड़ रुपये मरामारी के दौरान खर्च कर रहे हैं ये वैक्सीनेशन कार्यक्रम में लगाईये। केंद्र ने वैक्सीनेशन के लिए 35,000 करोड़ आवंटित किया है। वैक्सीनेशन के लिए पैसे की कमी नहीं है, पर्याप्त पैसा है। वैक्सीन की उपलब्धता दूसरी बात है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पहली बात तो यह है कि 20 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा कहां से आया? जिसके मन में जो आता है बोलता है। 51 मंत्रालयों के लिए ऑफिस, मेट्रो के साथ जोड़ना, नया संसद भवन, 9 ऑफिस के भवन, न्यू इंदिरा गांधी सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स सब मिलाकर खर्चा शायद 13,000-15,000 करोड़ आएगा।
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