Haribhoomi Explainer: दो दशक में भारत से टकराए 6 बड़े चक्रवाती तूफान, हजारों मौतें और मची तबाही

Haribhoomi Explainer: चक्रवात बिपारजॉय, जिसका अर्थ बंगाली भाषा में आपदा होता है, आज 15 जून को भारत के तटीय राज्यों से टकराने वाला है। गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान में कराची के बीच 325 किलोमीटर के तट पर शक्तिशाली हवाओं, तूफानी लहरों और तेज बारिश का अनुमान लगाया गया था। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शक्तिशाली तूफान आज देर शाम जखाऊ के भारतीय बंदरगाह से टकराएगा। इसको लेकर बिजली और संचार के खंभों के उखड़ने, एयरलाइनों के बाधित होने और छप्पर वाले घरों को नुकसान सहित बड़े पैमाने पर विनाश की चेतावनी। हवा की गति लगभग 140-150 किमी/घंटा तक पहुंचने की उम्मीद की गई है।
गुजरात में स्थित द्वारकाधीश मंदिर चक्रवात बिपरजॉय के कारण आज भक्तों के लिए बंद हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि चक्रवात बिपारजॉय देर शाम राज्य के तटीय क्षेत्र से टकराने वाला है। इसके अलावा गुजरात सरकार ने गिर सोमनाथ जिले के सोमनाथ मंदिर को भी इसी वजह से बंद कर दिया है। देवभूमि द्वारका में 5,035 को अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया गया है और भारत में चक्रवात के प्रवेश से पहले गिर सोमनाथ जिले में 1,605 को खाली कर दिया गया है।
गुजरात में अशांत समुद्र
शक्तिशाली तूफान आज गुजरात में लैंडफॉल करने के लिए तैयार है, जिसके परिणामस्वरूप समुद्र की स्थिति पहले से ही खराब है। गुजरात के तटीय इलाकों में बुधवार तक 180 किलोमीटर प्रति घंटे (112 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। चक्रवात से काफी नुकसान होने की संभावना है।
रक्षा मंत्री ने लिया तैयारियों का जायजा
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चक्रवात से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की। रक्षा मंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों से बात की, क्योंकि चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है। सिंह ने ट्वीट कर बताया कि सशस्त्र बल चक्रवात के कारण किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है और वह लोगों की हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। अरब सागर में हर साल बड़े तूफान उठते रहते हैं। कोई तूफान भयंकर तबाही मचाते हैं, तो कुछ तूफान समुद्र में ही शांत हो जाते हैं। आइये आज हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से जानते हैं पिछले दो दशकों में आए बड़े चक्रवाती तूफानों के बारे में...
1998 का वह भयंकर तूफान
9 जून 1998 को आए तूफान ने सबसे ज्यादा तबाही गुजरात के कांडला पोर्ट के आसपास मचाई थी। यह तूफान इतना भयंकर था कि कितने लोग इस तूफान में अपनी जान गवाईं, इसका आज तक कोई आंकड़ा ही नहीं सामने आया। यह तूफान मात्र 15-20 का ही था, लेकिन इसी समय में इतनी तबाही मचाई कि महीनों तक लाशें मिलती रही। तूफान जाने के बाद अफवाहों का दौर भी शुरू हुआ, कांडला में एक अफवाह उड़ी की गैस लीक हो गई। इसके डर से 15000 से भी ज्यादा मजदूर पैदल ही कांडला से अपने घर के लिए निकल दिए थे, जो महीनों वापस नहीं आए थे।
2007 में आया गोनी साइक्लोन
1 जून, 2007 को गोनी नाम का सुपर साइक्लोन अरब सागर में विकसित हुआ और इसने ओमान को गंभीर रूप से प्रभावित किया। इस तूफान ने लगभग 50 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी। इस तूफान से निचले इलाकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। तेल व्यापार, बुनियादी ढांचा, बिजली और टेलीफोन नेटवर्क पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गए थे। साथ ही 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था।
अक्टूबर 2014 में आया नीलोफर चक्रवात
नीलोफर चक्रवात 2014 के अक्टूबर में आया था और यह अरब सागर के लिए तीसरा सबसे ज्यादा शक्तिशाली चक्रवात था। भारत, पाकिस्तान और ओमान में क्षेत्रों को प्रभावित करने की चेतावनी भी जारी की गई थी। निचले इलाकों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया था। हांलाकि, विकराल रूप धारण करने से पहले ही तूफान धीमा हो गया था। इससे बड़े पैमाने पर होने वाले विनाश से राहत मिल गई थी।
2019 में चक्रवात क्यार
2019 में आया क्यार चक्रवात भारतीय भूमि के पास बनने वाले सबसे शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से एक था। इसे भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म का नाम दिया था। इस तूफान में कई पेड़ों और घरों को उखाड़ दिया था। गुजरात में लाखों किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। पश्चिमी तट के साथ तीव्र बाढ़ आई थी और तेज हवा ने बिजली के खम्भे और पेड़ों को उखाड़ दिया था।
जून 2020 मे आया निसर्ग चक्रवात
चक्रवात निसर्ग जून 2020 में महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा मे आया था। इस चक्रवात के समय कोरोना महामारी अपने विकराल रूप में थी। इस तूफान से लगभग 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस तूफान में बागों, घरों और सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा था।
2021 का तौकते तूफान
तौकते तूफान 2021 के मई में गुजरात के दक्षिणी तट से टकराया था। इसे 1998 के बाद से सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक माना जाता है। भारी बारिश के बीच लगभग दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया था। 170 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं, हजारों मवेशियों और वन्यजीवों की भी इस तूफान में जान गंवानी पड़ी। सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थी और 40000 से अधिक पेड़ उखड़ गए थे।
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