Haribhoomi Explainer: वंदे भारत ट्रेन के लिए तैयार नहीं भारतीय पटरियां, जानें सबसे तेज ट्रेन की सच्चाई

Haribhoomi Explainer: वंदे भारत ट्रेन के लिए तैयार नहीं भारतीय पटरियां, जानें सबसे तेज ट्रेन की सच्चाई
X
Haribhoomi Explainer: आपने खबरों में इन दिनों सुना ही होगा कि वंदे भारत एक्सप्रेस देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन है। शुरुआत से ही वंदे भारत की छवि सुपर फास्ट और एडवांस सुविधाओं वाली ट्रेन के रूप में बनी हुई है। क्या सच में यह ट्रेन अपनी इन खूबियों पर खरा उतर रही है, अगर नहीं तो फिर इसके पीछे क्या कारण हैं। आइये आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में आपको वंदे भारत ट्रेन की स्पीड की सच्चाई बताते हैं।

Haribhoomi Explainer: देश के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को आज के दिन अपनी पहले वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उत्तराखंड को लोगों को देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन की सौगात दी। यह भारत की 18वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है। अब राजधानी दिल्ली से देवभूमि की राजधानी देहरादून तक का सफर काफी कम समय में तय किया सकेगा।

बीते कुछ समय में देखा गया है कि सरकार ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को सबसे तेज और आधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रेन के तौर पर पेश किया है। अक्सर समाचारों की हैडलाइन में भी आपको इस एडवांस ट्रेन का नाम देखने को मिल ही जाता होगा। इन तमाम बातों के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं। ऐसे में जानना जरूरी है कि क्या सच में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भारत की सबसे फास्ट ट्रेन है। क्या यह अपनी अधिकतम स्पीड में दौड़ती है, औसत गति क्या है... इन तमाम सवालों के जवाब आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में हम आपको बताएंगे।

वंदे भारत एक्सप्रेस की क्या है टॉप स्पीड

रेल मंत्रालय के तहत रिसर्च डिजाइंस एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को बनाया है। निर्माताओं का दावा है कि यह ट्रेन 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है। हालांकि, भारत में इस ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार में टेस्ट किया गया है। खास बात यह है कि इस ट्रेन को लोकोमोटिव इंजन नहीं लगा हुआ है। यह सेमी हाईस्पीड इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट ट्रेन (EMU) है, इसका सीधे शब्दों में मतलब है कि इसके हर कोच में इलेक्ट्रिक मोटर लगे हुए होते हैं, यानी मेट्रो की तरह। इसी वजह से इसका एक्सीलेरेशन काफी ज्यादा होता है। वर्तमान में देश की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली दूसरी ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस है। अब यहां समझने वाली बात यह है कि शताब्दी में लोकोमोटिव इंजन होता है, ऐसे में उसके डिब्बे जोर नहीं लगाते हैं। वहीं दूसरी ओर वंदे भारत एक्सप्रेस का हर डिब्बा ट्रेन को गति देने का काम करता है। शताब्दी एक्सप्रेस की तुलना में वंदे भारत एक्सप्रेस से दोगुनी रफ्तार से स्पीड पकड़ती है।

मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी का वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर दावें

वंदे भारत एक्सप्रेस की मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली कंपनी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के जनरल मैनेजर बीजी माल्या ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस के 18 कोच वाले ट्रेन में 8 मोटर लगे होते हैं जो 840 किलोवाट तक की पावर जेनरेट करते हैं। इनकी कुल पॉवर 2 लोकोमोटिव के बराबर होती है। ऐसे में आप वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की पॉवर और स्पीड का अंदाजा लगा सकते हैं। BG माल्या बताते हैं कि यह ट्रेन कई मायनों में खास है। इसमें स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम 'कवच' है। यह ट्रेन को 380 मीटर की दूरी पर रोकने में सक्षम है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की ब्रेकिंग सिस्टम काफी शानदारी है। अन्य ट्रेन जैसे शताब्दी एक्सप्रेस को रोकने के लिए एक किलोमीटर पहले ब्रेक लगाना होता है, जबकि इसमें इतने पहले जरूरत नहीं होती है। स्पीड को लेकर ट्रेन में कई अन्य तरह की सुविधाएं भी देखने को मिल जाती है जो इसे सबसे तेज बनाती है।

भारत में कितनी गति से चलती है वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन

दावा किया जाता है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 180 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक में चल सकती है। हालांकि, असल सच्चाई काफी हद तक अलग है। देश में फिलहाल सबसे तेज गति से रानी कमलापति वंदे भारत चलती है। दिल्ली से आगरा रूट पर यह गाड़ी कुछ सेक्शन्स में 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती है। इसके अलावा अभी के समय सभी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड 110-130 किलोमीटर प्रति के करीब ही रहती है।

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की भारत में औसत स्पीड

मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्रशेखर गौर ने सूचना के अधिकार (RTI) दायर करके सरकार से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन स्पीड को लेकर जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में सरकार की ओर दी गई जानकारी के मुताबिक, साल 2021-22 में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की 84.48 किलोमीटर प्रति घंटा औसत स्पीड रही थी। हालांकि, इसके बाद भी स्थिति में कुछ सुधार देखने को नहीं मिला। साल 2022-23 में स्पीड कम होकर 81.38 किलोमीटर प्रति घंटा पर आ गई। मुंबई-शिर्डी के बीच वंदे भारत की स्पीड सबसे कम 65.96 किलोमीटर प्रति घंटा है। वहीं, साल 2019 में शुरू हुई देश की सबसे पहले दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस की स्पीड सबसे अधिक है। यह ट्रेन 95 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पटरियों पर दौड़ती है।

आखिर भारत में वंदे भारत टॉप स्पीड पर क्यों नहीं चल पाती

Point 1. एडवांस टेक्नोलॉजी और बेहतरीन सुविधाओं के बावजूद भी देश में वंदे भारत ट्रेन एवरेज स्पीड पर ही चल रही है। इन ट्रेनों की औसत चाल काफी कम है। धीमी औसत गति के प्राथमिक कारणों में से एक देश में ट्रैक की खराब स्थिति है। इन ट्रेनों को हाई-स्पीड यात्रा के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन अब तक भारत में ऐसे रेलवे ट्रैक नहीं है कि उनपर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सके। रेल नेटवर्क को वर्तमान में अपग्रेड किया जा रहा है ताकि वंदे भारत जैसी ट्रेनें भविष्य में उच्च गति प्राप्त कर सकें। वर्तमान ट्रैक पर अगर वंदे भारत को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया जाए, तो बेपटरी होने का खतरा है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ट्रैक की सतह की स्थिति ट्रेन की गति निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। परिवहन का कोई भी साधन अपनी पूरी यात्रा के दौरान अपनी अधिकतम गति को बनाए नहीं रख सकता है। हालांकि, हर सेक्शन में प्रत्येक वंदे भारत ट्रेन की औसत गति उस सेक्शन की सबसे तेज ट्रेन से तेज है। वंदे भारत ट्रेन को भी कॉशन यानी चेतावनी का पालन करना पड़ता है, इसलिए भी गति में फर्क पड़ता है।

Point 2. वंदे भारत ट्रेन की गति कम होने के पीछे का कारण धीमे टर्नआउट्स भी है। इसका सीधा मतलब है कि जब ट्रेन नई पटरी को पकड़ती है। अक्सर आपने देखा होगा कि प्लेटफॉर्म पर रुकने से पहले गाड़ी की स्पीड काफी कम हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस समय ट्रेन को पॉइंट्स से गुजरना पड़ता है। भारत में बन हुए पॉइंट्स की स्पीड काफी (20 किलोमीटर प्रति घंटा) कम है, जबकि दुनिया के कुछ बेहतरीन रेलवे नेटवर्क में पॉइंट्स पर ट्रेन 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है। यह भी वंदे भारत एक्सप्रेस की स्पीड कम होने की प्रमुख वजह में से एक है।

Point 3. आपने खबरों में देखा होगा कि वंदे भारत एक्सप्रेस से टकराकर जानवारों की मौतें हो रही हैं। भारत में ट्रैकों के आसपास फेंसिंग नहीं होने से ये घटनाएं होती है। यह भी एक वजह है कि वंदे भारत की स्पीड पर लगाम लगा हुआ है। ट्रेन की स्पीड बढ़ाने पर ऐसी घटनाओं में इजाफा होगा। भारत के रेलवे नेटवर्क में काफी ज्यादा दबाव है। ऐसे में ट्रेन लोको पायलट नहीं बल्कि सिग्नल और कवच के हिसाब से चलती है। ट्रेन की क्या स्पीड होगी, इसका निर्धारण ट्रेन मैनेजर करता है।

Also Read: PM Modi ने वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी, बोले- UK आकर्षण का केंद्र

Tags

Next Story