Haribhoomi Explainer: CM केजरीवाल के आवास का होगा CAG ऑडिट, AAP ने कहा- हार के डर से बौखलाई भगवा पार्टी

Haribhoomi Explainer: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अभी कुछ ही महीने पहले अपने सरकारी आवास का रिनोवेशन (Renovation) कराया था। इसको लेकर विपक्ष कई तरह की गड़बड़ियों को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) से सवाल कर रहे थे। इसको लेकर गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने एक्शन लेते हुए रिनोवेशन पर CAG जांच बैठाई है। गृह मंत्रालय से यह जांच LG सचिवालय की 24 मई, 2023 की सिफारिश के बाद कराने का फैसला लिया है। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से जानते हैं कि क्या है सीएम केजरीवाल के सरकारी बंगले का रिनोवेशन का मामला...
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena) के कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल के 24 मई को प्राप्त एक पत्र पर गौर करने के बाद विशेष कैग ऑडिट की सिफारिश की है। पत्र में मुख्यमंत्री (Arvind Kejriwal) के आधिकारिक आवास के रिनोवेशन में घोर और प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था। गृह मंत्रालय ने इस बात को ध्यान में रखते हुए CAG जांच बैठाई है
क्या है CAG जांच
CAG का काम सरकारी खातों और उसके द्वारा खर्च किए जा रहे पैसों की जांच करना है। दरअसल, सरकार जो भी धन खर्च करती है, CAG उस खर्च की ठीक ढंग से जांच करती है। यह भी पता लगाती है कि धन सही जगह खर्च हुआ है या नहीं।
केंद्रीय एजेंसियों का खुला दुरुपयोग कर रही भगवा पार्टी
आम आदमी पार्टी ने इस कदम को भाजपा द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का खुला दुरुपयोग करार देते हुए कहा कि भगवा पार्टी अगले साल के लोकसभा चुनाव में हारने की उभरती संभावना से निराश है। सीएजी जांच को एक बार फिर से शुरू करने का निर्णय भाजपा की हताशा और सत्तावादी प्रवृत्ति का स्पष्ट प्रतिबिंब है। सीएजी जांच कराना एक चुनी हुई सरकार का विशेषाधिकार है और दिल्ली सरकार के मामलों में हस्तक्षेप करके मोदी सरकार संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है।
आप नेताओं का कहना है कि यह स्पष्ट है कि दिल्ली में अपनी लगातार चुनावी हार से परेशान भाजपा न केवल सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ईमानदार सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करना चाह रही है। बल्कि स्थापित सत्ता संरचना को कमजोर करने के गुप्त प्रयासों में भी लगी हुई है। तथाकथित शराब घोटाले से लेकर सीएम आवास के पुनर्निर्माण में कथित अनियमितताओं तक के मनगढ़ंत आरोप, अदानी से जुड़े बड़े पैमाने पर घोटालों से जनता का ध्यान हटाने के लिए सावधानीपूर्वक रचित नाटक का हिस्सा हैं।
7 PWD अधिकारियों को मिला नोटिस
पिछले हफ्ते दिल्ली सतर्कता विभाग ने केजरीवाल के सरकारी बंगले के नवीनीकरण पर लगभग 53 करोड़ रुपये के फिजूलखर्च का आरोप लगाते हुए सात पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में मंत्रियों के आवास (संशोधन) नियम 2007 का हवाला देते हुए कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री टाइप VIII आवास से नीचे के आवास के लिए पात्र हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें इन PWD इंजीनियरों से यह बताने के लिए भी कहा गया है कि सिविल लाइन्स में 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर पुरानी इमारत को सर्वेक्षण रिपोर्ट के बिना क्यों ध्वस्त कर दिया गया और PWD द्वारा निर्मित नई इमारत के लिए कोई भवन योजना क्यों स्वीकृत नहीं की गई।
दिल्ली सतर्कता विभाग की 12 मई को एलजी सक्सेना को सौंपी गई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण पर कुल 33.49 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि कैंप कार्यालय की लागत 19.22 करोड़ रुपये थी।
इन खर्चों में एक करोड़ से अधिक मूल्य के फैंसी मॉड्यूलर किचन आइटम, 48 लाख रुपये के डिजाइनर सामान और फिटिंग, 5 करोड़ रुपये के कलात्मक और सजावटी काम, 2.4 करोड़ रुपये के संगमरमर के काम और 20 लाख रुपये के सॉना बाथ और जकूजी शामिल हैं।
बीजेपी ने AAP पर बोला हमला
केजरीवाल के सरकारी बंगले के नवीनीकरण के मामले में मिले सात पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों को सतर्कता विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस का हवाला देते हुए, दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि केजरीवाल का पुनर्निर्मित बंगला केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी पात्रता से कहीं अधिक बड़ा है। हम जानना चाहते हैं कि किसने पीडब्ल्यूडी को बिना किसी उचित निविदा और बजटीय प्रावधान के सीएम बंगले का नवीनीकरण और विस्तार करने के लिए कहा था। पीडब्ल्यूडी ने शुरुआत में केवल बंगले के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए एक प्रस्ताव जारी किया था, लेकिन उन्होंने एक पूरी तरह से नया बंगला बनाया।
आप ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को बेबुनियाद बताया
कल यानी 27 जून के एक बयान में, पार्टी ने सीएजी जांच को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि मोदी सरकार के इस कदम से हताशा की बू आती है क्योंकि भाजपा को आगामी 2024 के आम चुनावों में अपरिहार्य हार की आशंका है। जहां तक मुख्यमंत्री के आवास के पुनर्निर्माण खर्चों की सीएजी जांच की बात है, तो यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह पिछले साल ही आयोजित की गई थी, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं का कोई सबूत नहीं मिला था।
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आप नेता ने माना था 45 करोड़ खर्च की बात
अप्रैल में AAP सांसद राघव चड्ढा ने स्वीकार किया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास के नवीकरण कार्य पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन यह एक आवश्यक व्यय था। दिल्ली सीएम आवास बहुत पुराना है, इसी कारण इसके नवीनीकरण में इतने रुपए खर्च हुए।
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