Haribhoomi Explainer: अजित पवार के आने से बढ़ेगी एकनाथ शिंदे की दुविधा! क्या महाराष्ट्र को मिलने वाला है नया सीएम

Haribhoomi Explainer: अजित पवार के आने से बढ़ेगी एकनाथ शिंदे की दुविधा! क्या महाराष्ट्र को मिलने वाला है नया सीएम
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Haribhoomi Explainer: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार के महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर रुख करने के साथ, राज्य की राजनीतिक अचानक बदल गई है। अजित ने अपने 9 विधायकों के साथ कल यानी कि 2 जुलाई को मुंबई के राजभवन में शपथ ली। अजित पवार के गठबंधन का हिस्सा बनने से कई आसार लगाए जा रहे हैं। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र की सियासत में जल्द ही फिर उलटफेर देखने को मिलने वाला है। पढ़िये आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से जानते हैं कि अजित पवार के गठबंधन का हिस्सा बनने से महाराष्ट्र की राजनीति में क्या बदलाव होने के आसार हैं।

Haribhoomi Explainer: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) छोड़कर अजित पवार (Ajit Pawar) एनडीए (NDA) में शामिल होकर महाराष्ट्र की सियासत में रायता फैल दिया है। एनडीए में शामिल एकनाथ शिंदे को जहां महाराष्ट के सीएम पद गंवाने की चिंता होने लगी है। तो वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) अपनी टूटी पार्टी को बचाने की जुगत में हैं। इसके लिए उन्होंने 5 जुलाई को अपनी पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक बुलाई है। उधर, जानकारों की मानें तो बीजेपी (BJP) को भी डर है कि अजित पवार के दावे के अनुरूप 40 विधायक साथ नहीं आए तो फिर से जग हंसाई का जवाब देना मुश्किल होगा। इधर कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र को जल्द ही नया सीएम मिलने वाला है। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से आपको बताते हैं कि अजित पवार का एनडीए (NDA) में शामिल होने से महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में क्या बदलाव आ सकते हैं।

संजय राउत बोले- एकनाथ शिंदे का जा सकता है सीएम पद

उद्धव गुट (Uddhav Group) के नेता संजय राउत (Sanjay Rawat) ने कल यानी रविवार को बयान दिया था कि अजित पवार के एनडीए में शामिल होने से सीएम एकनाथ शिंदे के चेहरे पर मायूसी नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि मैंने कल अजित पवार का शपथ ग्रहण समारोह देखा और एकनाथ शिंदे को भी देखा। उनका चेहरे पर मायूसी थी। उन्होंने कहा कि अजित पवार का सरकार में शामिल होना स्पष्ट संकेत है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में शिंदे के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं। महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह तय है कि शिंदे और उनका समर्थन करने वाले विधायक अयोग्य हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी को महाराष्ट्र में सरकार चलाने के लिए सहयोगी चाहिए था, इसलिए उन्होंने अजीत पवार को हिस्सा बना लिया।

एकनाथ शिंदे की दुविधा बढ़ेगी

जानकारों का कहना है कि अभी तक बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट ही महाराष्ट्र की सत्ता चला रहे थे। अब अजित पवार को भी डिप्टी सीएम बना दिया गया है। वहीं एनसीपी के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल को भी मंत्री बनाया गया है। अजित पवार ने दावा किया है कि उन्हें 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने ये भी दावा किया कि पूरी एनसीपी हमारे साथ है। हम एनसीपी के चिह्न की लड़ाई भी लड़ेंगे। अजित पवार के इस बयान से शिंदे गुट में खलबली होना लाजमी है। दरअसल, शिंदे गुट में वर्तमान में 50 विधायक हैं। अगर अजित पवार एनसीपी से 40 विधायक लाने में कामयाब होते हैं तो शिंदे गुट में इसको लेकर चिन्ता बढ़ जाएगी। शायद इसी कारण को लेकर राजनीति के जानकार यह कयास लगा रहे हैं कि महाराष्ट्र को नया सीएम मिलने वाला है।

बीजेपी फूंक फूंककर उठा रही कदम

उधर, बीजेपी ने महाराष्ट्र की राजनीति पर गहन नजर बना रखी है। आज डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस अजीत पवार के आवास पर पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच वार्ता हुई। एक समय था, जब अजित पवार के एनडीए में शामिल होने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने आधी रात को राज्यपाल के आवास पर दस्तक दी और सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। 23 नवंबर 2019 को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री तो अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। महाविकास अघाड़ी का सपना लगभग चकनाचूर हो गया था, लेकिन शरद पवार ने विधायकों को वापस समेटना शुरू किया और शतरंज की ऐसी चालें चलीं कि अजित पवार अलग-थलग पड़ गए थे।

इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने 26 नवंबर को महज 80 घंटों में ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन इस बार भाजपा के साथ पहले ही एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का समर्थन है और अजित पवार के शामिल होने से सरकार और भी ज्यादा मजबूत हो गई है। लेकिन अभी भी इस बात को लेकर भाजपा में चिंता बनी हुई है कि अजित पवार के 40 विधायकों का दावा सही है या नहीं।

गठबंधन वापस लेने के बाद क्या बोले थे देवेंद्र फडणवीस

2019 में अजित पवार के समर्थन वापस लेने के संदर्भ में देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि अजित पूरे मन से हमारे साथ सरकार बनाई थी, लेकिन अन्य शक्तियां जब प्रभावी होकर गठबंधन तोड़ने का प्रयास की तो कई विधायक उनके संपर्क में आ गए और सरकार गिर गई।

शरद पवार पार्टी बजाने की जुगत में

एक तरफ जहां अजित पवार 40 विधायकों के एनसीपी छोड़ने का दावा कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि एनसीपी किसकी है, ये जनता तय करेगी। पार्टी के विधायकों के दावे पर उन्होंने कहा कि अभी हमें ऐसी कोइ सूचना नहीं है। हम लोगों में जाएंगे और पार्टी को एक बार फिर से मजबूत करेंगे। इसी को लेकर शरद पवार आज रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद 5 जुलाई को पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक कर आगामी रणनीति पर चर्चा करेंगे।

क्या है सीटों का गणित

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 106, शिवसेना को 56, एनसीपी को 53, कांग्रेस को 44 और अन्य को 29 सीटें मिली थी। लेकिन महाराष्ट्र में हुए नेताओं के उलटफेर के बाद अब बीजेपी के पास 106, शिवसेना (शिंदे गुट) 44, शिवसेना उद्धव ठाकरे 12, एनसीपी 44 और अजित पवार के पास 9 विधायकों का समर्थन है।

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कितना सही एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता की भविष्यवाणी

महाराष्ट्र के राजनीतिक उलटफेर पर गौर करें तो अप्रैल 2023 में एनसीपी के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता ने ट्वीट करके राजनीतिक हलचल बढा दी थी। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने ट्वीट में कहा था कि भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने महाराष्ट्र में देवेन्द्र फड़णवीस को उपमुख्यमंत्री से मुख्यमंत्री बनाने और एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया है। यह जल्द ही होगा। जवाब में भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एनसीपी के नेता अजीत पवार को लेकर भी भविष्यवाणी कर दी थी। इसमें अजीत पवार के जल्द ही एनडीए से सरकार बनाने और पुन: उपमुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी की गई थी।

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