Haribhoomi Explainer: 30 मई को पूरे हो जाएंगे मोदी सरकार के नौ साल, पढ़िये बीजेपी सरकार की 9 बड़ी योजनाएं

Haribhoomi Explainer: 30 मई को पूरे हो जाएंगे मोदी सरकार के नौ साल, पढ़िये बीजेपी सरकार की 9 बड़ी योजनाएं
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Haribhoomi Explainer: मोदी सरकार इसी महीने में अपने कार्यकाल के 9 साल पूरे कर रही है। इस खास मौके पर देशवासियों को मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभ के बारे में बताने के लिए सरकार ने सांसदों को निर्देश जारी किया है। इस अभियान के तहत सांसद अपने क्षेत्र के शिक्षक, वकील, चिकित्सक, खिलाड़ी, कलाकार जैसे प्रोफेशनल्स से संपर्क करेंगे। आइये आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में मोदी सरकार की 9 बड़ी योजनाओं के बारे में जानते हैं।

Haribhoomi Explainer: मोदी सरकार (Modi Government) को सत्‍ता पर काबिज हुए नौ साल पूरे होने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। मोदी सरकार को इन नौ सालों में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। इन नौ सालों में केंद्र सरकार कई ऐसी योजनाएं लेकर आई, जिनसे आम लोगों को बेहद लाभ पहुंचा। जन धन योजना, आयुष्‍मान योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण, अन्‍न योजना और उज्‍ज्‍वला योजना से करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन देखने को मिला। आइये आपको बताते हैं कि बीते 9 सालों में लाई गई बीजेपी (BJP) यानी मोदी सरकार की नौ बडी योजनाओं (Big Schemes) के बारे में, जिनके आने से देश के लोगों के जीवन में बहुत परिवर्तन आए हैं।

1. उज्जवला योजना

स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन के नारे के साथ 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कल्याणकारी योजना- प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (Ujjwala Yojana) की शुरूआत की। पीएम मोदी की यह योजना गरीब महिलाओं के मुश्किल भरे जीवन की राह कुछ आसान की। इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को बड़ी संख्या में एलपीजी गैस सिलेंडर बांटे गए। इसके साथ ही दीपावली और होली के अवसर पर गैस सिलेंडर को फ्री में रीफिल करके दिया जाता है। इस योजना की वजह से लाखों महिलाएं बिना किसी परेशानी के खाना बना रही हैं।

2. नोटबंदी

मोदी सरकार भले ही 2014 में आई हो, लेकिन उनका सबसे बड़ा फैसला दो साल बाद 8 नवंबर 2016 को आया, जब भारत सरकार ने सभी 500 और 1,000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण यानी डीमोनेटाइजेशन की घोषणा की। सरकार के इस फैसले को नोटबंदी कहा गया। सरकार ने नोटबंदी किए गए बैंकनोटों के बदले में 500 और 2,000 के नए नोट जारी करने की घोषणा की। नोटबंदी के बाद कई महीनों तक देश में लोग अपने पुराने नोट बदलवाने के लिए अफरातफरी के माहौल में बैंकों की लंबी कतारों में दिखाई दिए।

3. GST लागू करना

मोदी सरकार के लिए जीएसटी कानून पास कराना काफी चुनौतीपूर्ण रहा। हालांकि यह सरकार के सबसे बड़े फैसलों में से एक है। जीएसटी को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अप्रत्यक्ष टैक्स है, जिसने भारत में कई अप्रत्यक्ष टैक्सों जैसे उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा कर आदि को रिप्लेस कर दिया है। माल और सेवा कर अधिनियम 29 मार्च 2017 को संसद में पारित किया गया और 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ। वस्तु एवं सेवा कर (GST) वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। भारत में माल और सेवा कर कानून एक व्यापक, बहु-स्तरीय, गंतव्य आधारित कर है, जो प्रत्येक मूल्यवर्धन पर लगाया जाता है। जीएसटी पूरे देश के लिए एकल घरेलू अप्रत्यक्ष कर कानून है।

4. तीन तलाक की समाप्ति

मोदी सरकार ने दूसरी बार सत्ता में आते ही सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक (Triple Talaq) से निजात दिलाने के लिए कदम उठाया। मोदी सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी के लिए मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2019 को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया। इस विधेयक के पास होते ही लंबे समय से तीन तलाक पर चल रही कानून बनाने की मांग पूरी हुई। 1 अगस्त 2019 से तीन तलाक देना कानूनी तौर पर जुर्म बन गया है।

5. आयुष्मान भारत योजना

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अप्रैल 2018 में शुरू किया गया था। कोरोना महामारी के बीच मोदी सरकार की आयुष्मान योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई। केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये का सालाना फ्री बीमा दिया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आपको कॉमन सर्विस सेंटर पर जा कर आवेदन करना होता है। पात्रता चेक करने के बाद जरूरी दस्तावेज देने होते हैं। एक बार कार्ड बन जाने के बाद इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को 5,00,000 का हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान किया जाता है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 1600 से ज्यादा रोगों का इलाज सूचिबद्ध अस्पतालों में दाखिल होने पर फ्री किया जाता है।

6. अनुच्छेद 370 की समाप्ति

प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार की कश्मीर नीति के साथ काफी आगे रहे हैं। 5 अगस्त, 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने Article 370 को निरस्त करके कश्मीर का इतिहास बदल दिया। बीजेपी की यह मांग जनसंघ के जमाने से थी, अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला था। इसे रद्द कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया। इस फैसले ने बाहरी लोगों के लिए राज्य में संपत्ति खरीदने का मार्ग भी प्रशस्त किया। सरकार के इस फैसले से न सिर्फ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो राज्य बनें बल्कि घाटी में फैले आतंकवाद पर भी रोक लगी। अनुच्छेद-370 हटते ही राज्य में लागू 35ए, विशेष नागरिकता अधिकार भी स्वतः समाप्त हो गया।

7. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का फैसला भले ही सुप्रीम कोर्ट से आया हो लेकिन मोदी सरकार राम मंदिर के निर्माण (Construction of Ram Mandir) को अपने कार्यकाल में पूर्ण करवा कर अपनी सरकार की उपलब्धियों में गिनवा रही है। बीजेपी के राजनीतिक सफर के दौरान राम मंदिर का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा रहा है। पार्टी ने इसका वादा किया और धैर्य व दृढ़ संकल्प के साथ हासिल करने की योजना बनाई। अयोध्या में राम मंदिर बनाने का वादा हमेशा बीजेपी के चुनावी घोषणापत्रों में शामिल रहा है। अब यह वादा पूरा होने की राह पर है। अगस्त 2020 में राम मंदिर के निर्माण का शिलान्यास नरेंद्र मोदी ने किया था और इसके निर्माण की देखरेख करने वाले ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर निर्माण का पहला चरण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी 2024 में होगा।

8. CAA कानून

मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसले में CAA कानून लाने को लेकर एक लंबा विवाद देश भर में चला। नागरिकता संशोधन कानून को केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में संसद में पास किया था। इस बिल का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 6 समुदायों हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देना है। सीएए कानून राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद 10 जनवरी 2020 से लागू हो हुआ। इस कानून को लेकर शाहीन बाग में एक लंबा विरोध प्रदर्शन भी चला। दरअसल कानून के तहते केवल 6 शरणार्थी समुदायों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है और इसमें मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया इसके पीछे तर्क ये दिया गया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है। हालांकि राष्ट्रव्यापी नागरिक रजिस्टर NRC और नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA के विरोधी दावा करते हैं कि जो दस्तावेजों प्रदान करने में असमर्थ होंगे, उनकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी। सरकार इससे इनकार करती रही है।

9. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

कोरोना महामारी के चलते जब देश में लॉकडाउन लगा तो गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhanmantri Garib Kalyan Anna Yojana के अंतर्गत 80 करोड़ लोगों को 5 किलो मुफ्त अनाज देने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कोविड-19 संकट के दौरान मुश्किल समय में शुरू हुई थी, जिसने गरीबों, जरूरतमंदों, गरीब परिवारों, लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराई है ताकि इन लोगों को खाद्यान्नों की पर्याप्त उपलब्धता न होने से कोई परेशानी न हो। मुफ्त अनाज देने वाली इस योजना को 31 दिसंबर 2022 से बंद कर दिया गया। हालांकि कोरोना के बाद से सरकार पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त अनाज देने के लिए 3.50 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को नए रूप में चला रही है। जिन 80 करोड़ से ज्यादा गरीबों को इस योजना के तहत मुफ्त अनाज मिल रहा है, उन्हें अगले एक साल यानी दिसंबर 2023 तक नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट NFSA के तहत मुफ्त अनाज मिलता रहेगा। जनवरी से दिसंबर 2023 तक फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत 81.35 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा।

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