Haribhoomi Explainer: पनडुब्बी का खत्म हुआ ऑक्सीजन, नहीं मिला किसी का कोई सुराग, जानें कितनी अलग है ये Submarine

Haribhoomi Explainer: अटलांटिक महासागर के एक सुदूर क्षेत्र में डूबे टाइटैनिक (Titanic) पनडुब्बी के मलबे के पास लगभग चार दिनों से लापता 22 फुट लंबे टाइटन पनडुब्बी (Titan Submarine) सबमर्सिबल पर सवार यात्रियों के अनुभव की तुलना गहरे समुद्र की डरावनी फिल्म के रोंगटे खड़े कर देने वाले दृश्यों या सबसे बुरे सपनों से की जा सकती है। कार्बन-फाइबर (Carbon Fiber) से बना टाइटन ओशनगेट एक्सपीडिशंस के एक अभियान का हिस्सा है।
टाइटैनिक का मलबा दिखाने निकली लापता पनडुब्बी में पांच यात्री सवार थे। इनमें पाकिस्तानी अरबपति शहजादा और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, स्टोकटोन रश, हामिश हार्डिंग, पॉल हेनरी सवार हैं। अब उनको खोजने के लिए एक बड़ा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। अमेरिका (America) और कनाडा (Canada) की नेवी सेना के अलावा निजी कंपनियां भी तलाश में जुटी हुई हैं। हालांकि, सभी इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि आखिर टाइटैनिक जहाज के मलबे के रास्ते में जहाज का संपर्क कैसे टूट गया।
यह पूरी पनडुब्बी चारों तरफ से नट बोल्ट से कसी हुई है जिससे किसी भी तरीके से पानी पनडुब्बी के अंदर न आ सके। यही वजह है कि उसमें बैठे लोग उसे खोल भी नहीं सकते हैं। ऐसे में उसके बाहर आने पर ही लोगों को निकाला जा सकता है। यह पनडुब्बी रविवार को रवाना हुई थी और निकलने के करीब एक ही घंटे के बाद से ही पनडुब्बी संपर्क टूट गया था। अब पिछले 4 दिन से अटलांटिक समुद्र (Atlantic Sea) के विशाल इलाके को दुनियाभर के जहाज छान रहे हैं। इस बीच आई ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पनडुब्बी में अब केवल 5 घंटे से भी कम का ऑक्सीजन पनडुब्बी में बचा हुआ है।
दुनिया के टॉप टाइटैनिक विशेषज्ञों में से एक टिम माल्टिन ने सुझाव देते हुए कहा, ऐसा भी हो सकता है कि पनडुब्बी ऐतिहासिक जहाज के मलबे में फंसी हो सकती है। माल्टिन ने कहा कि टाइटैनिक का आर्क अभी अच्छी स्थिति में मौजूद है। लेकिन टाइटैनिक का पिछला हिस्सा बहुत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है, जैसे किसी ने उसपर बम से हमला किया हो। माल्टिन ने बताया कि स्टर्न लगभग एक कबाड़खाने की तरह है। जहां आपको केबल, क्रेन के टुकड़े, फटे हुए धातु के छोटे-छोटे टुकड़े और बहुत अन्य चीजें मिलती हैं जिन पर आप सबमर्सिबल को रोक सकते हैं। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको यहां ड्रैग नेट मिलते हैं जो वास्तव में मछली पकड़ने वाले जहाजों को तोड़ देते हैं। माल्टिन ने आगे बताया कि जहाज या कोई भी बड़ी चीजवे अंतत टाइटैनिक के बिखरे हुए मलबे में फंस जाते हैं और उन्हें भूत जाल कहा जाता है। यह संभव है कि पनडुब्बी इन भूत जालों में से किसी एक में फंस गई हो।
आम पनडुब्बी से कितनी अलग है ये पनडुब्बी
नेशनल ओशनिक एंड एटमोसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, यह पनडुब्बी किसी तट से स्वतंत्र तरीके से खुद आ और जा सकती है। जबकि एक सबमर्सिबल पनडुब्बी के पास बहुत सीमित ताकत होती है और उसे समुद्र के नीचे जाने और ऊपर आने के लिए एक जहाज की जरूरत होती है। इसके साथ ही यह पनडुब्बी समुद्र के नीचे तलहटी में रोशनी बिलकुल गायब रहती है। इस पनडुब्बी का वजन 10 हजार 432 किलोग्राम है और वेबसाइट की मानें तो ये 13 हजार 100 फुट की गहराई तक जा सकती है। आठ दिन की इस यात्रा के लिए लम्बी राशि की टिकट मिलती है। इस यात्रा के माध्यम से टाइटैनिक के मलबे को समुद्र में करीब 3800 मीटर नीचे जाकर देखा जा सकता है।
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आप भी देख सकते हैं टाइटैनिक जहाज
समुद्री दुनिया में खोज करने वाली कंपनी ओशनगेट ने साल 2021 में अपना टाईटैनिक सर्वे एक्सपीडिशन प्रोजेक्ट शुरू किया था। जिसमें वो लोगों को पनडुब्बी में बिठाकर समुद्र में पड़ा टाइटैनिक का मलबा दिखाने लेकर जाती है। Washingtonpost के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के तहत एक व्यक्ति पर करीब 2,50,000 डॉलर का खर्च आता है, यानी प्रति व्यक्ति करीब 2 करोड़ रुपये से अधिक अधिक। यह यात्रा लगभग एक सप्ताह की होती है। इस यात्रा पर 17 साल और उससे अधिक उम्र के लोग जा सकते हैं।
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