Haribhoomi Explainer: नेहरू मेमोरियल का नया नाम PM मेमोरियल, 9 साल में मोदी सरकार ने इन 10 प्रमुख योजनाओं-स्थानों के बदले नाम

Haribhoomi Explainer: नेहरू मेमोरियल का नया नाम PM मेमोरियल, 9 साल में मोदी सरकार ने इन 10 प्रमुख योजनाओं-स्थानों के बदले नाम
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Haribhoomi Explainer: कल नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधानमंत्री मेमोरियल कर दिया गया है। केन्द्र सरकार के इस फैसले का विपक्ष संकीर्ण मानसिकता बता कर आलोचना कर रही है। मोदी सरकार अपने कार्यकाल में खूब नाम बदले हैं। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से आपको हम मोदी सरकार के द्वारा बदले गए प्रमुख 10 योजनाओं और स्थानों के बारे में बताते हैं...

Haribhoomi Explainer: नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी अब प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा। मोदी सरकार ने बीते दिन दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया है। अब नेहरू मेमोरियल को पीएम मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने के लगभग एक साल बाद नेहरू का नाम परिसर से हटा दिया गया। नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है कि नाम में बदलाव प्रतिशोध और संकीर्णता का ही नतीजा है। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से आपको बताते हैं केन्द्र सरकार ने बीते 9 सालो में किन बड़ी योजनाओं, स्थानों के बदले नाम......

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब किसी स्थान का नाम बदला गया हो। मोदी सरकार के नौ साल में कई सरकारी योजनाएं, स्थान, सड़क और पुरस्कारों के नाम भी बदले जा चुके हैं। पिछले साल ही इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की जगह केन्द्र सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगवाई। सिर्फ योजनाओं के ही नहीं, बल्कि भाजपा शासित राज्यों में तो कई जिलों के नाम भी बदल गए हैं। आइए सबके बारे में विस्तार से जानते हैं।

1. योजना आयोग बना नीति आयोग

2014 में मोदी सरकार आते ही सबसे पहले योजना आयोग को बदलकर नीति आयोग कर दिया गया। 1950 के मार्च में आर्थिक नियोजन से योजना आयोग को शुरू किया गया था। अब हम योजना आयोग को नीति आयोग के नाम से जानते हैं। साथ ही अब नीति आयोग ही अपने नए रूप में देश का सुनहरे भविष्य के लिए नीतियां बनाती है।

2. बदला पीएम आवास का नाम

भारत के प्रधानमंत्री का आवास भारत सहित पूरे दुनिया के लिए हमेशा से ही चर्चा में रहता है। इसे पहले सेवन रेस कोर्स (7 RCR) के नाम से जाना जाता था। केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद सितंबर 2016 में इसका नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था। तब विपक्ष ने सरकार के इस फैसले की जमकर आलोचना की थी।

3. पूर्व राष्ट्रपति के नाम रखी दिल्ली के सड़कों के नाम

देश की राजधानी दिल्ली की कई सड़कों के नाम बदलकर राजनीतिक कला क्षेत्र खेल साहित्य व विज्ञान सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े हुए नामचीन हस्तियों के नाम पर रखे गए हैं। इसी कड़ी में बीजेपी ने केन्द्र की सत्ता में आने के बाद दिल्ली के सबसे चर्चित रोड औरंगजेब का नाम बदल कर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रख दिया।

4. इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना बनी प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना

इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का नाम एक जनवरी 2017 में बदलकर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना कर दिया गया। इस योजना में आर्थिक सहायता की रकम जच्चा-बच्चा को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के हिसाब से दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना होता है, ताकि वह अपने साथ ही अपने नवजात बच्चे की भी देखभाल कर सकें। मतलब गरीब परिवार की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।

5. राजीव ग्रामीण विद्युतीकरण योजना

केन्द्र की मोदी सरकार 23 जुलाई 2015 को राजीव ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना कर दी। इस योजना को देश के ग्रामीण इलाकों में बिजली की आपूर्ति हो सके इसलिए शुरू किया गया है।

6. राजीव गांधी फेलोशिप योजना

इससे भी राजीव गांधी का नाम 2016 में हटा दिया गया। अब इसे केवल नेशनल फेलोशिप फॉर स्टूडेंट्स विद डिसैबिलिटीज कर दिया गया है। इसी तरह अनुसूचित जाति के छात्रों को दिए जाने वाली फेलोशिप का नाम राजीव गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप योजना से बदलकर नेशनल फेलोशिप फॉर शेड्यूल कास्ट कर दिया गया है। राजीव गांधी खेल अभियान अब खेलो इंडिया हो गया है।

7. राजपथ को कर्तव्य पथ नाम दिया गया

दिल्ली का ऐतिहासिक राजपथ अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाता है। पिछले साल आठ सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया है। कर्तव्य पथ रायसीना हिल्स पर बने राष्ट्रपति भवन से शुरू होता है और विजय चौक, इंडिया गेट, फिर नई दिल्ली की सड़कों से होते हुए लाल किले पर खत्म होता है। इन्हीं सड़कों पर हर 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस की परेड होती है। करीब साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी के इस रास्ते के इतिहास में जाएं, तो पहले इसे किंग्सवे और फिर राजपथ के नाम से जाना जाने लगा था लेकिन इसे अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाता है।

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8. मुगल गार्डन को भी मिला नया नाम

राष्ट्रपति भवन में मौजूद मुगल गार्डन को भी इस साल नया नाम मिल गया है। अब इसे अमृत उद्यान के नाम से जाना जाता है। बताया जा रहा है कि मुगल गार्डन का नाम अमृत महोत्सव के तहत बदला गया है। यह हर साल आम लोगों के लिए खुलता है। राष्ट्रपति भवन का यह उद्यान आम जनता के लिए फरवरी और मार्च के महीने में इसे खोला जाता है। लोग यहां ट्यूलिप और गुलाब की विभिन्न प्रजातियों के फूलों को देखने जाते हैं।

9. नेशनल वॉर मेमोरियल में हुआ अमर जवान ज्योति का विलय

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए भारत के वीर सैनिकों की याद में दिल्ली मे अमर जवान ज्योति बनाया गया था जो भारत के शौर्य और पराक्रम को दर्शाता है। उसी के पास बनाए गए नेशनल वॉर मेमोरियल में केंद्र सरकार द्वारा 25 फरवरी 2019 को अमर जवान ज्योति का विलय कर दिया गया। यह केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला था।

10. इंग्लैंड में चल रहे केंद्र हुआ ऑक्सफोर्ड इंडिया सेंटर संस्टेनेबल डेवलपमेंट

2017 में मोदी सरकार ने इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड यूनिविर्सिटी में चल रहे पूर्व पीएम इंदिरा गांधी सेंटर ऑफ संस्टेनेबल डेवलपमेंट का नाम बदलकर ऑक्सफोर्ड इंडिया सेंटर संस्टेनेबल डेवलपमेंट कर दिया है। केन्द्र सरकार के इस फैसले का विपक्ष जमकर विरोध की थी।

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