Haribhoomi Explainer: भारत-अमेरिका के DNA में लोकतंत्र, यहां जानें PM Modi के अमेरिकी कांग्रेस सत्र में कही 5 बड़ी बातें

Haribhoomi Explainer: भारत-अमेरिका के DNA में लोकतंत्र, यहां जानें PM Modi के अमेरिकी कांग्रेस सत्र में कही 5 बड़ी बातें
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Haribhoomi Explainer: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के तीसरे दिन वाशिंगटन डीसी पहुंचे। वाशिंगटन पहुंचते ही उनका जोरदार स्वागत हुआ। प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने व्हाइट हाउस पहुंचकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की। इसके बाद पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस संबोधन में उन्होंने देश-दुनिया को लेकर कई बड़ी बातें कही। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से हम आपको पीएम मोदी द्बारा कही गई पांच बड़ी बातें बताते हैं।

Haribhoomi Explainer: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान कल यानी गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और फर्स्ट लेडी ऑफ अमेरिका जिल बाइडेन (Jill Biden) के साथ व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय बैठक की। इसके बाद पीएम ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया। इस सत्र में पीएम ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर चिंता जताई। इसके साथ चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना दोनों देशों पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में 22 भाषाएं हैं लेकिन हम एक स्वर में बात करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से आपको पीएम की अमेरिकी कांग्रेस संबोधन में कही बड़ी बातें बताते हैं।

1.पीएम ने सुनाई अपनी लिखी कविता

पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया और कहा, यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। अमेरिका भारत का सबसे अहम डिफेंस पार्टनर है। अमेरिकी कंपनी के भारत में आने से देश का तेजी से विकास हो रहा है। भारत व अमेरिका स्पेस और समुद्र में भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारत से विमान सौदे से अमेरिका में रोजगार बढ़ता है। यूएस में भी भारतीयों का बड़ा योगदान है। अमेरिका आज भारत का सबसे बड़ा रक्षा सहयोगी बन रहा है। दुनिया बदल रही है, अब संस्थाएं भी बदलनी चाहिए। सभी देशों की बात सुनी जानी चाहिए। इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी लिखी कविता का भी जिक्र किया- आसमान में सिर उठाकर घने बादलों को चीरकर, रोशनी का संकल्प लें, अभी तो सूर्य उदय हुआ है। दृढ़ निश्चय के साथ चलकर, हर मुश्किल को पार कर घोर अंधेरे को मिटाने, अभी तो सूर्य उगा है।

2. भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र

व्हाइट हाउस में पीएम मोदी से एक महिला पत्रकार ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों को लेकर अपने सवाल में पूछी कि लोग कहते हैं दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र वाला देश भारत है। बहुत सारे मानवाधिकार संगठन कहते हैं कि आपकी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करती है। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि मुझे आश्चर्य हो रहा है कि आप कह रहे हैं कि लोग कहते हैं। लोग कहते ही नहीं, बल्कि भारत लोकतंत्र को मानने वाला देश है। भारत और अमेरिका दोनों देशों के डीएनए में लोकतंत्र है। लोकतंत्र हमारी ही आत्मा है। लोकतंत्र हमारे रगों में है। लोकतंत्र को हम जीते हैं और हमारे पूर्वजों ने उसको संविधान के रूप में शब्दों में ढाला है। भारत की सरकार लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों और आदर्शोंसे बने हुए संविधान के आधार पर चलती है। हमारी सरकार ने बीते 9 सालों में यह सिद्ध किया है कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवरी और जब मैं डिलीवरी कहता हूं तब जाति, पंथ, धर्म और संप्रदाय किसी भी तरह के भेदभाव की वहां पर तनिक भी जगह नहीं होती है। जब आप लोकतंत्र कहते हैं तो पक्षपात जैसा कोई सवाल ही नहीं उठता है।

3. पाक-चीन को दो टूक

पीएम मोदी ने चीन और पाकिस्तान को बिना नाम लिए घेरते हुए कहा कि टकराव के काले बादल हिंद प्रशांत महासागरों पर भी असर डाल रहे हैं। क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे यह हमारी साझा चिंता है। हम सब की खुशहाली चाहते हैं। 9/11 हमले और मुंबई में 26/11 हमले के बाद अब भी कट्टरवाद और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। आतंकवाद हमेशा से इंसानियत का दुश्मन रहा है। इससे निपटने के लिए कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और आतंकवाद का निर्यात करने वालों के खिलाफ हम सब को मिलकर लड़ना चाहिए। दुनिया तेजी से बदल रही है। दुनिया को नए वर्ल्ड ऑर्डर की जरूरत है न कि आतंकवाद की। हमें आतंक को प्रायोजित करने वाली ऐसी सभी ताकतों पर जल्द से जल्द काबू पाना होगा।

4. दुनिया भारत के बारे में जानना चाहती है

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में विविधता जीवन जीने का एक स्वाभाविक तरीका है। आज दुनिया, भारत के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहती है। मैं इस सदन में भी वह जिज्ञासा देख सकता हूं। पिछले दशक में भारत में अमेरिकी कांग्रेस के 100 से अधिक सदस्यों का स्वागत करके हम सुखद अनुभूति कर रहे हैं। भारत के तेजी से हो रहे विकास को हर कोई समझना चाहता है। हर कोई जानना चाहता है कि भारत क्या कर रहा है और कैसे कर रहा है।

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5. वसुधैव कुटुंबकम के आदर्श पर चलने वाला देश भारत

संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम (सम्पूर्ण धरती एक परिवार है) के आदर्श को मानने वाला देश है। दुनिया के साथ हमारा जुड़ाव हर किसी के लाभदायक है। जब भारत G-20 शिखर सम्मेलन का अध्यक्षता कर रहा है तो वहां भी यही भावना एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य दिखाई देती है।

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