Haribhoomi Explainer: तमिलनाडु सरकार ने भी CBI को किया बैन, जानिए किन-किन राज्यों में सीबीआई की एंट्री पर है रोक

Haribhoomi Explainer: तमिलनाडु सरकार ने भी CBI को किया बैन, जानिए किन-किन राज्यों में सीबीआई की एंट्री पर है रोक
X
Haribhoomi Explainer: केंद्रीय जांच एजेंसी को तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने बैन कर दिया है। प्रवर्तन मंत्रालय द्वारा तमिलनाडु के मंत्री की गिरफ्तार के बाद तमिलनाडु सरकार ने यह फैसला लिया। CBI को राज्य में बैन करने वाला यह 10वां राज्य है। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में आपको बताते हैं कि अब तक किन-किन राज्यों में बैन है केंद्रीय जांच एजेंसी और साथ ही जानेंगे कि क्या राज्य सरकारें भी केंन्द्रीय संस्था को बैन कर सकती हैं। 

Haribhoomi Explainer: मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई का दुरूपयोग का आरोप लगता रहता है। इसी के चलते राज्य सरकारों ने अब सीबीआई पर नकेल कसने की योजना बना ली है। इसी क्रम में तमिलनाडु ने अब एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को तमिलनाडु में जांच के लिए अब राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़ेगी। अब तक के नियम के अनुसार, सीबीआई बिना राज्य सरकार की अनुमति के राज्य में जांच कर सकती थी। लेकिन तमिलनाडु के बिजली मंत्री और डीएमके नेता वी सेंथिल बालाजी (V. Senthil Balaji) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ ही देर बाद ही तमिलनाडु सरकार ने सीबीआई को बैन कर दिया। अब सीबीआई को तमिलनाडु में किसी तरह की जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। इस तरह तमिलनाडु भी अब भारत के अन्य नौ राज्यों में शामिल हो गया है, जहां सीबीआई को बिना राज्य सरकार की अनुमति के जांच का अधिकार नहीं है। तमिलनाडु 10वां राज्य है जहां सीबीआई की एंट्री बैन हो गयी है। इससे पहले अन्य राज्य जैसे झारखंड, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मेघालय, छत्तीसगढ़, केरल, मिजोरम और राजस्थान में सीबीआई की एंट्री बैन है।

क्या है सामान्य सहमति

केंद्रीय जांच एजेंसी को किसी भी मामले की जांच के लिए वहां की राज्य सरकार से जांच के लिए अनुमति लेनी होती है। इसी को सामान्य सहमति कहा जाता है। सामान्य सहमति मिलने के बाद CBI बिना किसी रोक-टोक के राज्य में जांच कर सकती है। जब राज्य सरकार सामान्य सहमति को वापस ले लेती है। जांच एजेंसी को छोटी-छोटी कार्रवाई के लिए भी राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। राज्य के सामान्य सहमति के बिना सीबीआई उस राज्य के किसी पर भी केस दर्ज नहीं कर सकती।

मिजोरम ने किया सबसे पहले बैन

वर्ष 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद विपक्षी दलों ने सीबीआई का दुरुपयोग का आरोप लगाना शुरू कर दिया था। मोदी सरकार के सत्ता में आने के एक साल बाद ही 2015 में मिजोरम की तत्कालीन सरकार ने राज्य मे सीबीआई के प्रवेश पर अनुमति का नियम लगा दिया। मिजोरम देश में ऐसी पहली राज्य सरकार थी जिसने अपने राज्य में सीबीआई की जांच की सहमति वापस ली। उसके बाद से अब तक नौ राज्यों ने अपनी सहमति वापस ली है।

दरअसल, सीबीआई को राज्य में जांच करने की आम सहमति वापस लेने के पीछे ज्यादातर राज्यों का कहना है कि केंद्र सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। एनडीए से अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश की चन्द्रबाबू नायडू सरकार ने 8 नवंबर 2018 को सीबीआई को राज्य में बिना आम अनुमति के जांच करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसी साल नवंबर महीने में ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी यही काम किया। आंध्र प्रदेश के निर्णय के हफ्ते भर के अंदर उन्होंने प. बंगाल में सीबीआई को जांच करने की दी गई अनुमति वापस ले ली थी। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 10 जनवरी, 2019 को आंध्र प्रदेश और प. बंगाल के नक्शे कदम पर चलते हुए सीबीआई को राज्य में जांच के लिए दिया गया आम सहमति (जनरल कंसेंट) वापस ले लिया। वहीं, राजस्थान ने भी जुलाई 2020 में सीबीआई को मिला जनरल कंसेंट वापस ले लिया यानी सीबीआई की एंट्री बैन हो गई।

बिहार में भी हो सकती है CBI बैन

बिहार की नीतीश सरकार भी केंद्रीय जांच एजेंसी को राज्य में बैन करने पर विचार कर रही है। बिहार के मुख्यमंत्री इस समय आम चुनाव 2024 के लिए विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं। ऐसे में नीतीश कुमार भी विपक्ष के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर चलना चाहेंगे। सीएम नीतीश कुमार भी अपने राज्य में जल्द ही CBI की एंट्री पर रोक लगा सकते हैं।

जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति अहम

सीबीआई भले ही केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था है, लेकिन ये तभी किसी मामले की जांच करती है जब हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या केंद्र से आदेश मिलता है। अगर मामला किसी राज्य का है, तो जांच से पहले वहां की राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है।

इसका मतलब ये हुआ कि अगर सीबीआई को तमिलनाडु में अब किसी मामले की जांच करनी है, तो पहले तमिलनाडु सरकार की अनुमति लेनी पड़ेगी। पहले भी ऐसा ही था लेकिन तमिलनाडु सरकार ने सामान्य सहमति दे रखी थी इसलिए जांच की अनुमति आसानी से मिल जाती थी। लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट सीबीआई को जांच करने का आदेश देती है, तो फिर सीबीआई को राज्य सरकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।

Also Read: Cyclone Biparjoy: चक्रवात से गुजरात में तबाही, मानसून की रफ्तार भी घटी

ED को अनुमति की आवश्यकता नहीं

राज्यों में जांच के लिए भले ही केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को जांच से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़े, लेकिन केन्द्र की कई संस्था को अनुमति लेनी की जरूरत नहीं पड़ती। उनमें नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) शामिल है। ये एजेंसी स्वतंत्र रूप से राज्यों में काम करती हैं।

Tags

Next Story