Haribhoomi Explainer: दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश, फिर क्यूं जनगणना समय पर नहीं? यहां जानिए सारे सवालों के जवाब

Haribhoomi Explainer: दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश, फिर क्यूं जनगणना समय पर नहीं? यहां जानिए सारे सवालों के जवाब
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Haribhoomi Explainer: भारत जनसंख्या में चीन को पीछे छोड़ते हुये दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। लेकिन पिछले 11 सालों से देश में जनगणना नहीं हो पायी है। भारत में हर दस वर्ष में जनगणना होने के नियम हैं। आइये आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में आपको बताते हैं कि आखिर क्यों नहीं हो पा रही भारत में जनगणना और साथ ही बतायेगें कि जनगणना समय पर न होने के क्या नुकसान हैं।

Haribhoomi Explainer: भारत अब 1.4 बिलियन से ज्यादा लोगों‌ के साथ दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। लेकिन पिछले कुछ सालों से देश को ये पता ही नहीं चला कि उसकी आबादी कितनी है। क्योंकि आज तक पूरी आबादी की जनगणना ही नहीं हो पाई है। 2011 के बाद जनगणना 2021 मे होनी थी लेकिन हो नहीं पायी है।

जनगणना में देर होने पर क्या हो सकती है दिक्कत

भारत में दस सालो में एक बार जनगणना होती है। नियम के मुताबिक 2021 में जनगणना होनी चहिए थी, लेकिन कोरोना महामारी के वजह से जनगणना नहीं हो पाई। अब तकनीक के साथ कई, और वजहों से इतने व्यापक जनगणना होने के आसार दिख भी नही रहें हैं। विशेषज्ञों की माने तो रोजगार, आवास, लिट्रेसी लेवल, माइग्रेशन पैटर्न, और शिशु मृत्यु दर जैसे आंकड़ों में भी देरी होगी। क्योंकि ये सब जनगणना से ही निर्धारीत होता है। इस विशाल एशियाई अर्थव्यवस्था में सामाजिक, और आर्थिक योजना के साथ पॉलिसी बनाने में भी दिक्कत आ सकती है।

National Institute of Public Finance and Policy की फेलो छात्रा कहती हैं कि Census Data बहुत जरूरी है क्योकिं Consumption Expenditure सर्वे, और Periodic Labor Force सर्वे सेंसस के आधार पर ही अनुमानित किए जाते हैं। नई जनगणना न होने पर एक दशक पुराने डेटा पर निर्भर रहना पड़ता है जो वास्तविकता से बहुत दूर होता है।

आखिर जनगणना में देरी क्यो हो रही है

Statistics और Programme Implementation मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने जनगणना में देरी को लेकर कहा कि इसकी भूमिका बेहतर अनुमान देने तक सीमित है, मैं जनगणना प्रक्रिया पर टिप्पणी नहीं कर सकता। प्रधान मंत्री कार्यालय ने भी किसी प्रकार की टिप्पणी का जवाब अभी तक नहीं दिया है। दो सरकारी अधिकारी, एक संघीय गृह मंत्रालय, और दूसरे भारत के रजिस्ट्रार जनरल के ऑफिस के अधिकारी ने कहा कि जनगणना मे देरी काफी हद तक जनगणना प्रोसेस को ठीक करने और टेक्नोलोजी की मदद से इसे बेहतर बनाने के सरकार के फैसले के कारण हुई है।

जबकि, गृह मंत्रालय के अधिकारी की मानें तो मोबाइल फोन ऐप पर जनगणना के आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसे राष्ट्रीय पहचान पत्र, यानी आधार कार्ड सहित मौजूदा पहचान डेटाबेस के साथ सिंक्रोनाइज करना होगा, जिसमें समय लग रहा है। हालांकि, जनगणना के लिए जिम्मेदार भारत के रजिस्ट्रार जनरल का कार्यालय ने अभी तक इस पर कोई बात नही की है।

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जनगणना पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं?

कांग्रेस पार्टी सहित विपक्षी दलों का आरोप है कि 2024 में आम चुनाव होने है, इसलिए बेरोजगारी जैसे राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील मुद्दों पर डेटा छिपाने के लिए सरकार जनगणना में देरी कर रही है। कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि रोजगार, कोविड से होने वाली मौत जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर इस सरकार ने अक्सर डेटा छिपाया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आलोचना को खारिज करते हुए कहा मैं जानना चाहता हूं कि वे ऐसा किस आधार पर कह रहे हैं। कौन सा सामाजिक मापदंड है जिस पर नौ साल में हमारा प्रदर्शन उनके 65 साल के प्रदर्शन से भी खराब है ।

संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि अप्रैल मे भारत की जनसंख्या चीन को भी पीछे छोड़ दी है। 2011 की जनगणना में भारत की जनसंख्या 1.21 बिलियन थी। यानी देश ने 12 सालों में अपनी जनसंख्या में 210 मिलियन वृद्धि की है। ब्राजील की कुल आबादी करीब 210 मिलियन है।

2030 तक भारत सबसे ज्यादा युवा आबादी वाला देश

यूएनएफपीए ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि भारत 2030 तक सबसे युवा आबादी वाला देश बना रहेगा। रिपोर्ट की अनुसार 2025 तक भारत युवा जनसंख्या में उभार का अनुभव करेगा, लेकिन बाद में इसमें गिरावट आएगी। 2011 के बाद से भारत की सलाना जनसंख्या वृद्धि औसतन 1.2% रही है, जबकि 2011 के पहले यह आंकड़ा 1.7% था।

एक सरकारी रिपोर्ट में इस साल के लिए विभिन्न देशों के लोगों की औसत उम्र बताई गई है, जिसमें भारत की औसत उम्र 28.7 वर्ष है, जबकि चीन के लिए औसत उम्र 38.4 वर्ष है, वहीं जापान के लिए औसत उम्र 48.6 वर्ष है। यूएनएफपीए के अनुमान के मुताबिक भारत की 68 फीसद आबादी 15-64 साल के बीच की हैं, जबकि 65 साल से अधिक उम्र के लोगो का प्रतिशत सात के आस पास है।

जनगणना को लेकर शिक्षक अलग परेशान

भारत की जनगणना लगभग 330,000 सरकारी स्कूल के शिक्षकों के जरिए होती है। जो देश भर में घर-घर जाकर सभी घरों की लिस्ट बनाते हैं। 2021 के लिए बनाई गई योजना के अनुसार, शिक्षक दो चरणों में और 16 भाषाओं में हर बार दो दर्जन से अधिक सवाल पूछते हैं। ये प्रक्रिया करीब 11 महीनों की होती है, फिर इन आंकड़ों को सीरियल से किया जाता है। और तब अंतिम डेटा महीनों बाद सार्वजनिक होता है।

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