Haribhoomi INH Exclusive: श्री पण्डोखर सरकार से खास बातचीत, ई-सार्थक संवाद प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi INH Exclusive: श्री पण्डोखर सरकार से खास बातचीत, ई-सार्थक संवाद प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने ई-सार्थक संवाद की शुरुआत में कहा कि ई सार्थक संवाद के तहत आज हम बात कर रहे हैं। ई सार्थक संवाद में आज का आयोजन अपने आप अविस्मरणीय है। अविस्मरणीय इसलिए है क्योंकि ये एक खास मौके है। एक खास शख्सियत के साथ है। दरअसल आज हनुमान जंयती है।

Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने ई-सार्थक संवाद की शुरुआत में कहा कि ई सार्थक संवाद के तहत आज हम बात कर रहे हैं। ई सार्थक संवाद में आज का आयोजन अपने आप अविस्मरणीय है। अविस्मरणीय इसलिए है क्योंकि ये एक खास मौके है। एक खास शख्सियत के साथ है। दरअसल आज हनुमान जंयती है।

ऐसी सनातन धर्म के अंदर मान्यता है कि त्रेता युग के अंतिम दौर में आज ही के दिन अर्थात चैत मास की पुर्णिमा को हनुमान जी का जन्म हुआ था। कई लोग हनुमान जयंती के जयंती शब्द पर आपत्ति करते हैं। इसलिए आपत्ति करते हैं क्योंकि सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार इस दुनिया में आज भी चिरंजीवी अर्थात इस धरती पर तो आए तो हैं लेकिन इस धरती से विदा नहीं हुए है। हनुमान जी उसमें से एक हैं। भगवान शंकर के रूद्र अवतार समझे जाने वाले हनुमान जी को कौन नहीं जानता है।

करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र हनुमान जी है। विश्वास का केंद्र हनुमान जी है। जीवन में जब जब संकट आता है। तो हनुमान जी की स्तुति के माध्यम से संकट के निधान की अभिलाषा हम लोगों के जहन में रहती है। मान्यता है, विश्वास है, भरोसा है, अगर जीवन में कोई संकट या दुविधा, कहीं कोई विपत्ति है। तो उसके निधान के लिए हनुमान जी का स्मरण मात्र एक उपाय है। पर ऐसे हनुमान जी को सिद्ध किया है। पंडोखर सरकार जी ने.... आज हम उन्हीं से रूबरू हो रहे हैं..... समझने की कोशिश करेंगे हनुमान जी के महत्व को, उनके दृष्टि को, हनुमान जी के वर्तमान में प्रासंगिक जीवन के बारे में....

हनुमान जंयती के मौके पर

E-सार्थक संवाद में श्री पण्डोखर सरकार

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