Haribhoomi-Inh News : किसान आंदोलन 6 माह, आगे क्या राह ? 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने सादर प्रणाम करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। साथ ही चर्चा का विषय बताया किसान आंदोलन। प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने बताया कि 22 सितंबर के दिन साल 2020 में केंद्र सरकार ने तीन कृषि विधेयकों को देश की संसद में पारित कराया। उसके बाद देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 27 सितंबर को इन तीनों विधेयकों को मंजूरी देने के साथ कानून का स्वरूप दे दिया। जब से लेकर आज तक देश के विभिन्न हिस्सों में किसान इस कानून का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शकारी किसान इनको केंद्र सरकार के काले कानूनों की संज्ञा दे रहे हैं। सबसे पहले विरोध का सिलसिला पंजाब में दिखा। फिर हरियाणा और हरियाणा से बढ़ते-बढ़ते दिल्ली की सीमा तक आया। बदलती हुई परिस्थितियों में किसान आंदोलन ने पश्चिम उत्तर प्रदेश को भी अपनी चपेट में ले लिया। सरकार से जुड़े लोगों का मानना है कि देश के ढाई राज्यों के कुछ लोगों का यह आंदोलन है। बावजूद इसके केंद्र सरकार ने इस मसले पर किसान नेताओं के साथ करीब 11 से 12 बार वार्ता की। लेकिन इन वार्ताओं का कोई नतीजा नहीं निकला।
वार्ता असफल रहने के पीछे मूल कारण ये रहा कि किसान नेता इन तीनों कानूनों की वापसी के अलावा कुछ और के लिए कतई तैयार नहीं थे। वहीं सरकार संशोधन की बात करती थी। आंदोलनकारी किसान इन कानूनों पूरी तरह से निरस्त करने की मांग पर अड़ रहे। आखिरकार 22 जनवरी 2021 को जो बैठक टूटी वो अभी तक भी नहीं हो सकी। 26 जनवरी को प्रदर्शन हुआ। इस दौरान जो हुआ उसकी वजह से किसान आंदोलन एक बार फिर पीछे हटता हुआ महसूस हुआ। लेकिन राकेश टिकेत के आंशुओं के साथ किसान आंदोलन फिर तेज हो गया। उसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 30 जनवरी 2021 को कहा था कि किसान सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर है। लेकिन अब करीब पांच महीने पूरे होने जा रहे हैं। लेकिन वो दूरी मिट नहीं सकी है। वहीं आज किसान आंदोलनकारियों ने अपने आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर काला दिवस मनाया और काले झंडे लगाए। कुल मिलकर अब आंदोलन के संदर्भ में इनका कहना है कि ये 2024 तक जारी रहेगा।
खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ आज कृषि मंत्री मध्य प्रदेश कमल पटेल, किसान नेता सीपीएम बादल सरोज, प्रदेश अध्यक्ष भाकियू राजबीर सिंह जादौन और पूर्व मंत्री हरियाणा कैप्टन अयज यादव चार महमान मौजूद रहे। प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने इन चारों महमानों के साथ किसान आंदोलन की वर्तमान स्थिति और भविष्य में इस आंदोलन की क्या राह होगी को लेकर वार्ता की। साथ यह भी सवाल किया कि क्या वर्तमान में ये किसान आंदोलन सिर्फ नाममात्र के लिए रह गया है।
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