Haribhoomi-Inh News: केंद्र का टीका सबको 'फ्री' का! 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने केंद्र का टीका सबको 'फ्री' का! प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने आज देश को एक बार संबोधित किया। कोरोना काल के पिछले 15 महीनों के दौरान पीएम मोदी का देश के नाम ये 9वां संबोधन था। जब से ये सूचना आई कि पीएम मोदी आज देश को संबोधित करेंगे तो उम्मीद की जा रही थी कोई बड़ा ऐलान करेंगे।
संभावना थी कि या वो कोई राहत पैकेज का ऐलान करेंगे या फिर वैक्सीनेश को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेंगे। बड़ी घोषणा आई, तकरीबन 32 मिनट का संबोधिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश को दिया गया। शुरुआत में ही पीएम मोदी ने बताया कि कैसे उनकी सरकार काम कर रही है। किस तरीके का काम देश के वैज्ञानिकों ने किया है। पहले की सरकारों और अब की सरकार में कितना बड़ा अंतर है। दशकों लग जाते थे कि किसी बीमारी का टीका हासिल करने को देश के संदर्भ में।
कोरोना के संदर्भ में दो-दो टीके हमने खुद अपने देश में तैयार कर लिए हैं। ये कमाल का काम हमने किया है। इस संदर्भ में प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी ने छत्तीसगढ़ नेताप्रतिपक्ष धर्मलाल कोशिक, वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग, राजनैतिक विश्लेषक निशांत वर्मा, मध्यप्रदेश पूर्व मंत्री बालेंद्र शुक्ल, एम्स पूर्व डायरेक्टर डॉ एमसी मिश्रा आदि महमानों से बात की। इस दौरान प्रधान संपादक ने इनसे तीखे सवाल किए।
केंद्र का टीका सबको 'फ्री' का! 'चर्चा' पूरी देखें
जानकारी के लिए आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 15 महीने में 9वीं बार देश को संबोधित किया है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम 9वें संदेश में देश के 18 प्लास के नागरिकों को 21 जून से फ्री कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने का ऐलान किया है। इसके अलावा पीएम मोदी ने दिवाली तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को फ्री अनाज देने का भी ऐलान किया है। पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है। भारत भी इस लड़ाई के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है। कई लोगों ने अपने परिजनों को, परिचितों को खोया है। ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी संवेदना है। बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है। ऐसी महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है।
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