Haribhoomi-Inh News: 'चक्रव्यूह में अभिमन्यु' मप्र भाजपा नेता गोपाल भार्गव, 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा चक्रव्यूह में अभिमन्यु.... चक्रव्यूह में अभिमन्यु के तहत आज एक अलग ही किरदार हमारी बातचीत के केंद्र में है। एक ऐसा किरदार जिसने अपनी चुनावी चुनावी रणनीति के 42 साल पूरे कर लिए हैं। इन 42 साल के चुनाव में अजय योद्धा रहा। अजय योद्धा का मतलब जो भी चुनाव उन्होंने लड़ा उस में जीत हासिल की। कायदे में उसे इस उपलब्धि के आधार पर गिनती अर्जुन के तौर पर होनी चाहिए।
हम असल में बात कर रहे हैं... आप पहचान भी चुके होंगे गोपाल भार्गव जी की। गोपाल भार्गव मध्य प्रदेश की सियासत में जाना माना नाम है। बुंदेलखंड के अंचल में शायद ही कोई हो, जो गोपाल भार्गव के लोकप्रियता जनता पर पकड़ संदर्भ में इंकार करें। लेकिन 42 साल के इस चुनावी जीवन में अंतर्गत लगातार 8 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी गोपाल भार्गव एक अद्भुत मंत्री से ऊपर सफल नहीं हो पाए। नेता प्रतिपक्ष बने। लेकिन नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद असल सरकार बनने का मौका आया तो केवल प्रस्तावक की भूमिका में ही नजर आए। लेकिन हद तो तब हो गई जब शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मुख्यमंत्री चौथी बार शपथ ली और उसके बाद बनाए गए मंत्रिमंडल में गोपाल भार्गव का नाम पहली सूची में शामिल नहीं रहा।
पार्टी ने उनके साथ यह व्यवहार करने में कोताही नहीं बरती। समझने की कोशिश करेंगे कि जो शख्स लगातार इस कदर जीत हासिल करता रहा। वह प्रदेश के स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान काम कामयाब करवाने में चूक क्यों गया या पार्टी ने ऐसा किया। या फिर उस शक्स की स्वयं की कार्यप्रणाली ही ऐसी रही। इस कार्यक्रम में चर्चा के लिए कई मेहमान हमारे साथ है.... इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे.....
यहां देखें पूरा कार्यक्रम
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